नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने आज राफेल लड़ाकू विमान सौदे से जुड़े केस में सुनवाई करते हुए फैसला सुरक्षित रख लिया है, इससे पहले सुनवाई के दौरान सीजेआइ द्वारा तलब करने पर वायुसेना के अधिकारी भी कोर्ट पहुंचे थे. एयर वाइस मार्शल चलपति कोर्ट नंबर एक में मौजूद थे और सीजेआई रंजन गोगोई के सवालों का जवाब देते हुए उन्होंने बताया कि देश को राफेल की क्या जरूरत है? केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि फ्रांस की सरकार ने 36 विमानों की कोई गारंटी नहीं दी है लेकिन प्रधानमंत्री द्वारा एक लेटर ऑफ़ कम्फर्ट जरूर दिया गया है.
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मुख्य न्यायाधीश ने एयर वाइस मार्शल चलपति से वायुसेना के बेड़े में शामिल नए विमानों के बारे में जानकारी ली, उन्होंने जवाब दिया कि हाल में सुखोई-30 को शामिल किया गया है, जिसके बाद भारतीय वायुसेना को 4 प्लस जनरेशन के विमानों की जरूरत है, इसलिए फ्रांस के लड़ाकू विमान राफेल का चयन किया गया है.
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इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने 2015 के ऑफसेट नियमों के बारे में भी सवाल किए. रक्षा मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव ने ऑफसेट नियमों की जानकारी दी और कहा कि वर्तमान में मुख्य कॉन्ट्रैक्ट के साथ ही ऑफसेट कॉन्ट्रैक्ट भी होता है. सुप्रीम कोर्ट ने रक्षा मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव से पूछा कि 2015 में ऑफसेट नियमों में बदलाव क्यों किया गया? इसमें क्या देशहित है? अगर ऑफसेट पार्टनर प्रोडक्शन नहीं करते तो क्या किया जाएगा? इन सवालों के जवाब में केंद्र सरकार ने कहा है कि फ्रांस सरकार द्वारा विमान की कोई गारंटी नहीं दी गई है, लेकिन पीएम मोदी ने लेटर ऑफ़ कम्फर्ट दिया है.
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