नई दिल्ली। जैसे-जैसे 2019 के लोकसभा चुनाव नजदीक आ रहे है वैसे ही तक़रीबन सभी राजनितिक पार्टियों ने एक दुसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाना शुरू कर दिया है। इस वक्त जिन मुद्दों पर सबसे ज्यादा बयान बाजी हो रही है वो है नोटबंदी और राफेल डील मामला। राफेल डील को लेकर कांग्रेस और अन्य कई विपक्षी पार्टियां बीजेपी पर तमाम तरह के आरोप लगा चुकी है।
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अब इसी कड़ी को आगे बढ़ाते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने भी इस मामले में एक बयान देते हुए अपनी राय रख दी है। उन्होंने कहा है कि राफेल डील का समाधान में संसद में होना चाहिए अदालत में नहीं। शनिवार को राफेल मुद्दे पर दिए अपने एक बयान में उन्होंने कहा है कि इस विमान सौदे पर चर्चा के लिए अदालत नहीं मंच नहीं है और इसपर होने वाली सारी चर्चा और फैसले संसद में ही होने चाहिए।
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गौरतलब है कि कांग्रेस बीजेपी पर इस सौदे में बड़े पैमाने पर घोटाला करने का आरोप लगाती रही है। हाल ही में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने इस सौदे की जांच संसद द्वारा करवाने की मांग की थी। उन्होंने आरोप लगाया था कि इस सौदे से भारतीय राजस्व को 41,000 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। राहुल ने इस मामले की जाँच के लिए एक संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के गठन की भी मांग की है।
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