नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने राफेल विमान से संबंधित दस्तावेजों को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दायर किया है। सरकार ने अपने इस हलफनामे में कहा कि राफेल विमानों की खरीद को लेकर जो समझौता किया गया है, वह नियमों के अनुकूल है। सरकार ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार 36 राफेल विमानों की खरीद से संबंधित दस्तावेज याचिकाकर्ताओं को सौंप दिए हैं। इन दस्तावेजों में बताया गया है कि राफेल विमानों को खरीदने में रक्षा खरीद प्रक्रिया—2013 में निर्धारित प्रक्रिया का पालन किया गया है।
राफेल विमान मुद्दा : राहुल बोले सबकों पता है कीमत, फिर भी सरकार इसे बता रही गोपनीय
दस्तावेजों में बताया गया है कि विमान के लिए रक्षा खरीद परिषद की अनुमति भी ली गई थी और भारतीय दल ने इस मामले को लेकर फ्रांस से बातचीत भी की थी। दस्तावेजो में बताया गया है कि विमान खरीदी से पहले 74 बैठकें हुईं और फ्रांस के साथ एक साल तक बातचीत चली, तब जाकर यह समझौता किया गया। जानकारी के लिए बता दें कि दस्तावेज सौंपने से पहले केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में राफेल सौदे को लेकर पूरी जानकारी दी थी। सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की बेंच से इस मामले को लेकर सरकार से पूरी जानकारी मांगी थी, जिस पर सरकार ने यह हलफनामा दायर किया है।
बता दें कि राफेल विमानों की खरीद को लेकर मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस लगातार केंद्र सरकार को घेर रही है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी इस मामले को लेकर लगातार सरकार पर आरोप लगाते रहे हैं। उनका कहना है कि वर्तमान सरकार यूपीए सरकार से दोगुने दामों पर राफेल विमान खरीद रही है। राहुल गांधी इस मामले को लेकर लगातार पीएम नरेंद्र मोदी से सफाई मांग रहे हैं। कांग्रेस का कहना है कि सरकार 1670 करोड़ रुपये में एक राफेल विमान खरीद रही है, जबकि यूपीए के दौरान इसकी कीमत 526 करोड़ रुपये तय हुई थी।
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