RBI के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने एक सत्र के दौरान भारतीय युवा कारोबारियों ,बेरोज़गारी ,मैन्युफैक्चरिंग जैसे विषयो पर अपने विचार रखे और विस्तृत चर्चा की राजन ने कहा बहुत से भारतीय उद्यमी अब अपना बिजनेस स्थापित करने के लिए सिंगापुर या सिलिकॉन वैली जा रहे हैं, क्योंकि उन्हें वहां से लास्ट मार्केट तक पहुंच बहुत आसान लगती है।भारत के माहौल से वे बहुत आशान्वित नहीं लगते है, जिस कारण वे भारत छोड़कर दूसरे देश जा रहे हैं।
कारोबारी वैश्विक स्तर पर और अधिक विस्तार करने की चाहत में ऐसे देशो में जाना पसंद कर रहे है मुझे लगता है कि भारतीय युवा की मानसिकता क्रिकेटर विराट कोहली जैसी है, जो दुनिया में किसी से पीछे नहीं रहना चाहता है। राजन ने भारत के डेमोग्राफिक लाभ को पूरी तरह से नहीं उठाने पर चिंता व्यक्त की, देश की 6 प्रतिशत वृद्धि दर को उसके डेमोग्राफिक डिविडेंड को ध्यान में रखते हुए पर्याप्त नहीं है। इसके अलावा, राजन ने भारत के चिप विनिर्माण में भारी निवेश की आलोचना की जबकि उन्होंने जैसे कि चमड़ा उद्योग जैसे अन्य नौकरियों के विभिन्न क्षेत्रों की उपेक्षा की । उन्होंने कहा कि हाई-टेक क्षेत्रों पर ही ध्यान केंद्रित करने की बजाय, ऐसे परंपरागत उद्योगों को फिर से बढ़ावा देने की आवश्यकता है, ताकि देश में चल रही नौकरी के संकट को संभाला जा सके।
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