नई दिल्ली: त्रिपुरा, नगालैंड और मेघालय में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। तीनों राज्यों में कांग्रेस को शर्मनाक शिकस्त का सामना करना पड़ा है। कांग्रेस को उम्मीद थी कि त्रिपुरा में अपने धुर विरोधी रहे वामदलों के साथ गठबंधन कर सत्ता मिल सकती है, मगर ऐसा नहीं हुआ। अब कांग्रेस ने इस चुनावी हार को लेकर बयान जारी किया है।
कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव जयराम रमेश ने कहा है कि पूर्वोत्तर के 3 राज्यों में विधानसभा चुनाव के परिणाम निराशाजनक रहे हैं, जिसके कारणों पर वह विचार करेगी। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने यह भी कहा कि कांग्रेस त्रिपुरा में लेफ्ट के साथ वाले गठबंधन को जीत मिलने की उम्मीद कर रही थी और मेघालय में भविष्य को देखते हुए टिकट बांटे गए थे। उन्होंने तृणमूल कांग्रेस (TMC) का नाम लिए बिना कहा कि कुछ पार्टियां सोच रही थीं कि कांग्रेस के लोगों को तोड़कर मजबूत बन जाएंगी, मगर चुनाव के परिणामों से ऐसा होता नहीं दिख रहा है। बता दें कि, मेघालय में कांग्रेस और TMC को 5-5 सीटों पर जीत मिली है।
वहीं, कांग्रेस की हार के लिए जानकार पार्टी हाईकमान को जिम्मेदार बता रहे हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि, जब पूर्वोत्तर के तीनों राज्यों में सभी दल अपना-अपना प्रचार करने में लगे हुए थे, उस समय कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और प्रधानमंत्री उम्मीदवार राहुल गांधी अपनी बहन प्रियंका के साथ गुलमर्ग में बर्फ में स्कूटर चला रहे थे। स्पष्ट शब्दों में कहा जाए तो, कांग्रेस ने पूर्वोत्तर राज्यों में उतना ध्यान ही नहीं दिया, जितना देना चाहिए था। बता दें कि, राहुल- प्रियंका के साथ सोनिया गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे को इन विधानसभा चुनावों के लिए स्टार प्रचारक बनाया गया था, लेकिन ये नेता कांग्रेस के लिए धरातल पर काम करते उतना नज़र नहीं आए। कांग्रेस, लेफ्ट के साथ गठबंधन कर एक राज्य की सत्ता में शामिल होने की उम्मीद कर रही थी, जैसा कि जयराम रमेश भी कह रहे हैं, लेकिन पार्टी खुद जमीन पर दम भरती नज़र नहीं आई। शायद कांग्रेस ने पूर्वोत्तर को नज़रअंदाज़ किया और यही पार्टी की शिकस्त का एक बड़ा कारण रहा।
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