नई दिल्ली: आदर्श आचार संहिता उल्लंघन के नोटिस पर कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने निर्वाचन आयोग को 11 पन्नों में जवाब दिया है. राहुल गांधी ने कहा है कि जब शहडोल के चुनाव प्रचार में उन्होंने कहा था कि मोदी सरकार ने ऐसा कानून बनाया है जिसमें आदिवासियों को गोली मारने की इजाजत दी गई है, तो उन्होंने आचार संहिता का उल्लंघन नहीं किया था.
राहुल ने निर्वाचन आयोग से यह भी कहा है कि वह आचार संहिता के उल्लंघन से सम्बंधित शिकायतों का निपटारा करते समय निष्पक्ष रहे और कांग्रेस के खिलाफ पक्षपातपूर्ण रवैया न अपनाए. आचार संहिता उल्लंघन के आरोपों पर राहुल गांधी ने कहा है कि उन्होंने भारतीय वन कानून में प्रस्तावित संशोधन को अपने एक भाषण में आसान ढंग से समझाने का प्रयास कर रहे थे. राहुल गांधी का तर्क है कि वन कानून 1927 की धारा 66 में संशोधन के सरकारी प्रस्ताव पर अपने चुनावी भाषण में बोल रहे थे. राहुल गांधी ने कहा है कि उनकी मंशा अपुष्ट तथ्यों का बयान कर लोगों को भ्रमित करने की नहीं थी.
आपको बता दें कि 23 अप्रैल को मध्य प्रदेश के शहडोल जिले में राहुल गांधी ने अपने एक बयान में दावा किया था कि मोदी सरकार ने एक ऐसा नया कानून बनाया है जिसमें आदिवासियों को गोली मारने की अनुमति दी गई है. राहुल के इस बयान पर निर्वाचन आयोग ने उन्हें कारण बताओ नोटिस भेजा था.
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