नई दिल्ली: कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर जारी तनाव के बीच चीनी सैनिकों के पीछे हटने के लिए सहमति बनने को लेकर मंगलवार को सवाल किया कि सरकार की ओर से पूर्व की यथास्थिति बहाल करने पर जोर क्यों नहीं दिया गया और सरकारी बयान में गलवान घाटी पर भारत की संप्रभुता का जिक्र क्यों नहीं है.
उन्होंने भारतीय विदेश मंत्रालय और चीनी विदेश मंत्रालय के बयानों को ट्विटर पर साझा करते हुए लिखा कि, 'राष्ट्रीय हित सर्वोपरि होता है. भारत सरकार का कर्तव्य है कि वह इसकी रक्षा करे.' राहुल गाँधी ने सवाल करते हुए लिखा कि, 'पहले वाली यथास्थिति बहाल करने पर जोर क्यों नहीं दिया गया? हमारे इलाके में 20 निहत्थे जवानों की हत्या को चीन को सही ठहराने क्यों दिया गया? गलवान घाटी पर हमारी भूभागीय संप्रभुता का जिक्र क्यों नहीं किया गया?'
आपको बता दें कि गतिरोध कम होने के पहले संकेत के रूप में चीनी सेना ने सोमवार को पूर्वी लद्दाख में कुछ हिस्सों से अपनी सीमित वापसी शुरू कर दी. इससे एक दिन पहले राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजित डोभाल और चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने फ़ोन पर काफी देर तक चर्चा की, जिसमें वे बॉर्डर से सैनिकों के तेजी से पीछे हटने की प्रक्रिया को पूरा करने पर राजी हुए.
National interest is paramount. GOI's duty is to protect it.
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) July 7, 2020
Then,
1. Why has Status Quo Ante not been insisted on?
2. Why is China allowed to justify the murder of 20 unarmed jawans in our territory?
3. Why is there no mention of the territorial sovereignty of Galwan valley? pic.twitter.com/tlxhl6IG5B
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