श्रीनगर: कांग्रेस के लोकसभा सांसद राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा आज यानी रविवार (29 जनवरी) को श्रीनगर के लाल चौक पहुंची। जहाँ राहुल गांधी ने राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा फहराया। इसके बाद राहुल और अन्य कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने स्थानीय कश्मीरी लोगों के साथ राष्ट्रगान भी गाया। इस दौरान, लाल चौक पर राहुल गांधी का एक कट आउट भी नज़र आया, जो देश के राष्ट्रीय ध्वज से बड़ा था। अब इसको लेकर सोशल मीडिया पर बहस शुरू हो गई हैं।
Jammu and Kashmir | Congress MP Rahul Gandhi unfurls the national flag at Lal Chowk in Srinagar. pic.twitter.com/yW9D3CPzKi
— ANI (@ANI) January 29, 2023
सोशल मीडिया पर लोग, तिरंगे से ऊँचे राहुल गांधी के पोस्टर को लेकर सवाल उठा रहे हैं और राष्ट्रीय ध्वज को नीचे रखने पर अपना गुस्सा प्रकट कर रहे हैं। गौरव अग्रवाल ने कमेंट करते हुए लिखा है कि, 'ये अत्यन्त शर्मनाक है, की तिरंगा झंडा के पीछे राहुल गांधी का पोस्टर है और तिरंगा उससे नीचे कैसे किया इन्होंने। राष्ट्रपति भवन को इसपर एक्शन लेना चाहिए।'
वहीं, कुछ यूज़र्स राहुल गांधी द्वारा लाल चौक पर तिरंगा फहराने का श्रेय पीएम नरेंद्र मोदी और सेना को देते भी नज़र आ रहे हैं। दिलीप जैन ने कमेंट किया है कि, '2014 से पहले कांग्रेस, नेहरू-गांधी की हसियत नहीं थी लाल चौक पर तिरंगा लगाने की। मोदी सरकार, सेना, पुलिस को धन्यवाद कहें, 370, 35A को निरस्त किया। 31 साल पहले श्रीनगर के लाल चौक में - आतंकवाद के चरम पर - निडर नरेंद्र दामोदरदास मोदी द्वारा फहराया गया तिरंगा।' मनीष ने तंज कसते हुए लिखा कि, 'देख रहा है बिनोद, कैसे रागा (राहुल गांधी) बिना टेंशन लाल चौक पर झंडा लगा रहा है, एक महीने पहले तक यही चिल्ला रहा था कि, कश्मीर में कोई चल नहीं स्कता, सेना के सब बंद कर रखा है, ये वो..।' सायक दीप्ता डे ने लिखा कि, 'अच्छा है, लेकिन राहुल गांधी का फ्लेक्स राष्ट्रीय ध्वज से लंबा क्यों है?'
जितेंद्र कुमार नामक एक यूजर ने लिखा कि 'ये शर्मनाक है। तिरंगा झंडा के पीछे राहुल गांधी का पोस्टर है और तिरंगा इन्होंने उससे नीचे कैसे किया। तिरंगा हमेशा सबसे ऊपर रहना चाहिए।' मनोज ने लिखा कि, 'यह बहुत सुखद है। पूर्व मैं जब मुरली मनोहर जोशी जी और हमारे आज के पीएम ने लाल चौक पर तिरंगा लहराया था तौ कांग्रेस के लोगों ने उसका विरोध किया था। अच्छा है की आज खुद कश्मीरी नेता भी इस महान कार्य मैं भारत माता के साथ है। जय हिंद।' मोहित त्रिवेदी ने लिखा कि, 'राहुल गांधी मोदी जी से पूछते थे कि क्या किया इतने सालों में, आज लाल चौक में जो तिरंगा फहराया है, वो इस का जवाब है। 60 सालों में कांग्रेस का कोई भी नेता वहां जाने की हिम्मत नही रखता था, आज मोदी राज में वहां पर तिरंगा फहराया रहे है।' हर्षद ने लिखा कि, 'श्री राहुल गांधी यह केवल इसलिए कर पाए हैं, क्योंकि नरेंद्र मोदी और अमित शाह द्वारा अनुच्छेद 370 और 35A को हटाया गया। वरना हुर्रियत लाल चौक पर फहराने के लिए राहुल गांधी को पाकिस्तानी झंडा दे देता।'
शीर्षेंदु घोषाल ने लिखा कि, 'तिरंगे से ऊँचा राहुल गांधी का पोस्टर कांग्रेस की मानसिकता को दर्शाता है, जो वाड्रा-गाँधी परिवार को देश से ऊपर समझते हैं।' बता दें कि, जम्मू कश्मीर में PDP सुप्रीमो और पूर्व सीएम महबूबा मुफ़्ती ने भी राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में भाग लिया है. महबूबा मुफ़्ती वही हैं, जिन्होंने कहा था कि, यदि 370 हटाया गया तो कश्मीर में कोई तिरंगा उठाने वाला नहीं मिलेगा। वहीं, कांग्रेस ने भी 370 हटाने का पुरजोर विरोध किया था। बता दें कि, 370 हटने से पहले जम्मू कश्मीर का अपना अलग झंडा हुआ करता था और वहां भारतीय तिरंगे को जलाने या फाड़ने को अपराध नहीं माना जाता था। लेकिन, 370 हटते ही ये सब चीज़ें ख़त्म हो गईं और आज राहुल गांधी ने वहां तिरंगा फहराया।
31 वर्ष पूर्व यहाँ मुरली मनोहर जोशी ने फहराया था तिरंगा:-
बता दें कि, आज से 31 वर्ष पूर्व मुरली मनोहर जोशी और नरेंद्र मोदी ने 26 जनवरी 1992 को लाल चौक पर ध्वजारोहण किया था। वर्ष 1992 में नरेंद्र मोदी भाजपा के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी की टीम में शामिल थे। मुरली मनोहर जोशी के साथ उस समय नरेंद्र मोदी ने लाल चौक पर तिरंगा फहराया था। तब भाजपा द्वारा तिरंगा फहराने के ऐलान के बाद पूरी कश्मीर घाटी में तनावपू्र्ण स्थिति उत्पन्न हो गई थी। तब अलगाववादियों और आतंकियों ने ऐलान किया था कि वो ऐसा नहीं होने देंगे।
भाजपा की इस यात्रा के पूरी होने से पहले ही आतंकियों ने पुलिस हेडक्वार्टर पर ग्रेनेड से हमला किया था। इस अटैक में तब के पुलिस महानिदेशक जेएन सक्सेना जख्मी हो गए थे। जब मुरली मनोहर जोशी, नरेंद्र मोदी और उनकी टीम ने लाल चौक पर तिरंगा फहराया था, उस समय आतंकियों ने वारदात करने की भरपूर कोशिश की थी, मगर वे सफल नहीं हो पाए थे।
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