हिन्दू हिंसक तक तो ठीक था, लेकिन 'अभय मुद्रा' पर सिख और मुस्लिम समुदाय के निशाने पर आए राहुल गांधी, मिली फटकार

हिन्दू हिंसक तक तो ठीक था, लेकिन 'अभय मुद्रा' पर सिख और मुस्लिम समुदाय के निशाने पर आए राहुल गांधी, मिली फटकार
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नई दिल्ली: शीर्ष सिख संस्था शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (SGPC) ने लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी द्वारा संसद में हाल में की गई टिप्पणी की आलोचना करते हुए कहा कि राहुल ने गुरु नानक देव की विचारधारा को गलत तरीके से 'अभय मुद्रा' से जोड़ा है। दरअसल, राहुल गांधी ने संसद में गुरु नानक की तस्वीर दिखाते हुए कहा था कि, उनकी तस्वीर में भी अभय मुद्रा है। इस पर SGPC ने भड़कते हुए कहा है कि, "गुरु साहिब ने ऐसी किसी मुद्रा या आसन को मान्यता नहीं दी। इसके बजाय, उन्होंने केवल एक 'अकाल पुरख' (शाश्वत व्यक्ति) से जुड़ने की शिक्षा दी है।"

SGPC ने गुरु नानक देव के दर्शन और छवि के बारे में राहुल गांधी की टिप्पणियों की निंदा की, और कहा कि "पवित्र गुरबानी और गुरुओं की शिक्षाओं को पूर्ण ज्ञान के बिना राजनीतिक बहस का हिस्सा नहीं बनाया जाना चाहिए।" प्रस्ताव में SGPC ने राज्यसभा के सभापति और लोकसभा अध्यक्ष से यह सुनिश्चित करने की भी अनुरोध किया कि संसदीय कार्यवाही से किसी की धार्मिक भावनाओं को ठेस न पहुंचे। बता दें कि, सोमवार (1 जुलाई) को राहुल गांधी ने संसद में भगवान शिव, ईसा मसीह, गुरु नानक की तस्वीरें दिखाते हुए अभय मुद्रा का जिक्र किया था और भाजपा पर निशाना साधा था। वहीं, इस्लाम का प्रतिनिधित्व करने के लिए उन्होने दोनों हाथ उठाकर दुआ करने वाली एक तस्वीर दिखाई थी, क्योंकि इस्लाम में तस्वीर हराम मानी जाती है। यदि राहुल गांधी पैगंबर मोहम्मद या किसी नबी की सांकेतिक तस्वीर भी दिखाते, तो हो सकता था कि, उनके खिलाफ सर तन से जुदा के नारे लग जाते।

हालाँकि इसके बावजूद भी राहुल गांधी, इस्लामी विद्वानों के निशाने पर आ गए थे। क्योंकि उन्होने इस्लाम धर्म में दोनों हाथों से दुआ करने को अभय मुद्रा बता दिया था। राहुल गांधी ने दावा किया था कि, शिव की तस्वीर में कांग्रेस पार्टी का चुनाव चिह्न ‘अभय मुद्रा’ है। यह भी निडर रहने को कहता है। फिर राहुल ने कहा कि इस्लाम धर्म में दोनों हाथों से दुआ करने में भी ‘अभय मुद्रा’ ही है। बाकी, सब धर्मों पर बोलने तक तो राहुल गांधी ठीक थे, लेकिन इस्लाम का जिक्र आते ही ऑल इंडिया सूफी सज्जादा नशीन काउंसिल ने आपत्ति जता दी है। ऑल इंडिया सूफी सज्जादा नशीन काउंसिल के चेयरमैन सैयद नसीरुद्दीन चिश्ती ने कहा है कि संसद में बोलते हुए राहुल गांधी ने कहा कि इस्लाम में ऐसा कुछ नहीं है, यहाँ मूर्ति पूजा नहीं होती है और न ही किसी तरह की मुद्रा होती है। इस्लाम में मुद्रा हराम है। राहुल गांधी को अपना बयान सही करना चाहिए। बता दें कि, मुस्लिम समुदाय कांग्रेस का मुख्य वोटर माना जाता है, इस चुनाव में भी कांग्रेस को एकमुश्त वोट इसी समुदाय से मिले हैं, उनका नाराज़ होना कांग्रेस के लिए चुनावों में समस्या बन सकता है।

हालाँकि, राहुल गांधी ने ये भी कहा था कि, ''जो लोग खुद को हिंदू कहते हैं, वे चौबीसों घंटे नफरत, हिंसा और असत्य में लिप्त रहते हैं।'' भाजपा ने इसका कड़ा विरोध किया था। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सदन में उठकर इस पर आपत्ति जताई थी और कहा था कि, विपक्ष के नेता इस तरह पूरे हिन्दू समुदाय को हिंसक नहीं कह सकते। जिसके बाद राहुल गांधी ने फ़ौरन अपना बयान बदलते हुए कहा था कि, वे भाजपा-RSS कि बात कर रहे हैं, जो अपने आप को हिन्दू कहते हैं। हालाँकि, इससे पहले भी राहुल गांधी कई हिन्दू विरोधी बयान दे चुके हैं। जैसे एक बयान में उन्होंने कहा था कि, ''जो लोग मंदिर जाते हैं, वही बाहर आकर लड़की छेड़ते हैं।'' अब मंदिर केवल भाजपा या RSS के हिन्दू तो जाते नहीं। फिर एक बयान में उन्होंने कहा था कि, ''हमें इन हिन्दुत्ववादियों को एक बार फिर देश से बाहर निकालना है।'' अब कांग्रेस की साथी शिवसेना (उद्धव गुट) भी कहती है कि हमारा हिंदुत्व असली है, तो राहुल गांधी किन हिन्दुत्ववादियों की बात कर रहे थे ?

 

एक बार राहुल गांधी ने हिन्दू-हिंदुत्व को अलग अलग बता दिया था, एक बार ये भी कहा था कि, मैं किसी भी तरह के हिंदुत्व में यकीन नहीं करता। उनकी ही साथी पार्टी DMK के नेता सनातन के समूल नाश की बातें बार बार दोहरा रहे थे, कुछ कांग्रेस नेताओं ने भी उदयनिधि स्टालिन का समर्थन किया था, जिस पर राहुल मौन रहे थे। तो क्या सारे सनातन धर्म वाले भी भाजपा-RSS के लोग हैं ? आज राहुल गांधी ने इस्लाम और सिख समुदाय को लेकर एक भ्रामक बयान दिया, जिसके बाद उन्हें इन दोनों समुदायों से फटकार मिल गई, अब उम्मीद है कि वे इन दोनों समुदायों पर सोच समझकर बोलेंगे। हाँ, हिन्दुओं पर वे बोल सकते हैं, बार-बार लगातार, क्योंकि, भारत में हिन्दू नहीं रहते, यहाँ रहते हैं, यादव, जाट, दलित, ठाकुर, ब्राह्मण, कुर्मी, आदिवासी, बनिए और भी बहुत सारे लोग, लेकिन हिन्दू नहीं।

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