नई दिल्ली: कांग्रेस नेता राहुल गांधी की हालिया टिप्पणियों ने एक बार फिर विवादों को जन्म दिया है। राहुल गांधी ने हाल ही में भारतीय रेलवे के लोको पायलट को महादलित बताया, जिससे एक नया विवाद उठ गया है। सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो में, राहुल गांधी रेलवे के लोको पायलट को महादलित के रूप में प्रस्तुत करते नजर आ रहे हैं। जबकि उनकी दादी, पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 1983 में जातिवाद के खिलाफ सार्वजनिक रूप से बयान दिया था। इंदिरा गांधी ने जातिवाद को हटाने की आवश्यकता पर बल दिया था और इसे देश की कमजोरी करार दिया था। लेकिन अब शायद सत्ता पाने के लिए राहुल गांधी उसी का साहरा ले रहे हैं।
लोको पायलट मतलब महादलित? इसके पीछे क्या वजह है? जब भी यह आदमी अपना मुंह खोलता है तो विभाजन की बात करता है। उनका एकमात्र उद्देश्य भारतीयों को एक-दूसरे के खिलाफ खड़ा करना है।'
— Bankesh Saini (@sense_m_7343) September 3, 2024
घटिया राजनीति का दूसरा नाम राहुल गांधी pic.twitter.com/rxvagFlQNB
इंदिरा गांधी ने कहा था कि ''मेरा विश्वास जातिवाद में नहीं है। मैं तो चाहूंगी कि ये शब्द हम हटा दें अपने देश से। हम सब अपने को एक माने। इस महान देश के महान नागरिक अपने को मानें। किन बातों ने हमको पीछे रखा है। कौन से रोड़े हमारे रास्ते में आए कि हम तेजी से आगे नहीं बढ़ सके। कुछ ऐसे लोग हैं, कुछ ऐसे तबके हैं जो जाति के नाम से समाज को चोट पहुंचाते हैं। ये हैं हमारी कमजोरी।’' हालाँकि, राहुल बीते कुछ समय से लगातार जाति-जाति रट रहे हैं, वे पत्रकारों से लेकर नेताओं तक की जाति पूछ चुके हैं। लेकिन, जब संसद में अनुराग ठाकुर ने उनसे जाति पूछ ली थी, तो राहुल कहने लगे थे, ''अनुराग जी ने मुझे गाली दी।'' अब अगर राहुल से जाति पूछना गाली है, तो वो देशभर को गाली क्यों दे रहे हैं ?
From “remove caste politics from this country” to “conduct caste census around the country,” congress has come a long way.
— Rajeshwar Singh (@RajeshwarS73) October 10, 2023
Congress party will do everything, even break the country apart, to get back to power!! pic.twitter.com/CBxiIlUmGF
सोशल मीडिया पर राहुल गांधी की जाति आधारित टिप्पणियों की आलोचना की जा रही है। उन्होंने हाल ही में एक ब्यूटी कांटेस्ट में जातिवाद का मुद्दा उठाते हुए कहा था कि मिस इंडिया की लिस्ट में एक भी SC/ST या OBC का प्रतिनिधित्व नहीं है। इस बयान को भी जातिवाद को बढ़ावा देने के प्रयास के रूप में देखा गया। अब, राहुल गांधी ने रेलवे में जाति आधारित विभाजन का नया लॉजिक पेश किया है, जबकि रेलवे में पहले से ही आरक्षण प्रणाली मौजूद है और SC/ST तथा OBC के लोग इन नौकरियों में शामिल हैं।
यह भी उल्लेखनीय है कि कांग्रेस के नेतृत्व वाले राजीव गांधी फाउंडेशन और राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट में कोई SC/ST या OBC प्रतिनिधि नहीं है। इसके अलावा, कांग्रेस शासित कर्नाटक में SC/ST फंड में से 14,000 करोड़ रुपये की निकासी की गई और कांग्रेस के ही तेलंगाना में SC/ST के फंड को घटाकर अल्पसंख्यकों के फंड को बढ़ाया गया। तेलंगाना में OBC आरक्षण को घटाकर मुस्लिमों को दिया गया। इन घटनाओं के संदर्भ में, राहुल गांधी की जाति आधारित टिप्पणियों पर सवाल उठ रहे हैं कि क्या कांग्रेस वास्तव में SC/ST और OBC के हितों की रक्षा कर रही है या फिर वोट बटोरने के लिए जातिवाद की राजनीति कर रही है।
तेलंगाना सरकार ने SC-ST कल्याण के फंड पर चलाई कैंची।
— Prashant Umrao (@ippatel) July 26, 2024
अल्पसंख्यक कल्याण विभाग का बजट 36% बढ़ाया और SC ST के कल्याण के लिए बजट में पैसे किए कम। pic.twitter.com/jNWGsuAELX
यह भी ध्यान देने योग्य है कि CAA (सिटिजन अमेंडमेंट एक्ट) जो पाकिस्तान और बांग्लादेश के धार्मिक अल्पसंख्यकों को भारत में शरण देने के लिए लाया गया था, कांग्रेस ने इसका विरोध किया था। जबकि, इससे सबसे ज्यादा लाभ दलितों-पिछड़ों को ही मिलना था, जो पड़ोसी देशों में धर्म के कारण उत्पीड़न झेल रहे हैं। इन सब घटनाओं को देखते हुए, यह सवाल उठता है कि क्या कांग्रेस वास्तव में दलितों और पिछड़ों की हितैषी है या केवल सत्ता की राजनीति कर रही है।
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