अहमदाबाद: कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी आज यानि मंगलवार को गुजरात के दाहोद पहुंच रहे हैं। बताया जा रहा है कि इस दौरे पर उनका पूरा फोकस आदिवासी वोटर्स पर होगा। मगर अब पार्टी के ही आदिवासी समिति के प्रमुख की रैली ने कांग्रेस नेताओं को पसोपेश में डाल दिया है। वहीं, पहले ही गुटबाजी, दल-बदल और भाजपा और आम आदमी पार्टी की बढ़ती सक्रियता से सतर्क कांग्रेस ने अपने बचे हुए विधायकों को राहुल के स्वागत में तैनात करने का निर्णय लिया है।
कांग्रेस ट्राइबल कमेटी के प्रमुख और MLA अनंत पटेल मंगलवार को रैली करने वाले हैं। वहीं, आज ही राहुल गांधी भी दाहोद में 'आदिवासी सत्याग्रह' में पहुंच रहे हैं। खास बात है कि दोनों कार्यक्रमों का लक्ष्य आदिवासी वोटर्स ही हैं। पटेल ने पार-तपिल-नर्मदा प्रोजेक्ट के विरोध में दाहोद से दूर अपनी रैली निकालने का निर्णय लिया है। एक ही दिन में दो कार्यक्रमों के कारण कांग्रेस नेता चिंता प्रकट कर रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, एक नेता ने कहा है कि, 'यदि आदिवासी समिति के प्रमुख अलग दिशा में काम कर रहे हैं, तो इससे गलत संदेश जाएगा'। उन्होंने हैरानी जताते हुए कहा कि, 'यदि राहुल आ रहे हैं, तो उसी दिन आदिवासी समुदाय के लिए अलग कार्यक्रम करने की क्या आवश्यकता है।'
अनंत पटेल ने कहा कि, 'हमारा कार्यक्रम पहले ही निर्धारित था। इससे पहले भी हमें कांग्रेस के एक और कार्यक्रम के चलते रैली रद्द करनी पड़ी थी। यदि हम दूसरी बार हमारा कार्यक्रम रद्द करते हैं, तो इसका गलत प्रभाव पड़ेगा।' कांग्रेस प्रवक्ता मनीष दोशी ने कहा कि पटेल की रैली पूरे नेतृत्व की सहमति से आयोजित की जा रही है।
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