नई दिल्ली: मंगलवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी अमेरिका के दौरे पर पहुंचे। यहां सैन फ्रांसिस्को में उन्होंने भारतीयों से मुलाकात की तथा उन्हें संबोधित किया। इस के चलते राहुल गांधी ने कहा कि कुछ महीने पहले हमने कन्याकुमारी से कश्मीर तक यात्रा आरम्भ की थी। मैं भी यात्रा कर रहा था। हमने देखा था कि भारत में राजनीति के जो सामान्य टूल थे (जैसे जनसभा, लोगों से बातचीत, रैली) वे अब काम नहीं कर रहे हैं। हमें राजनीति के लिए जिन संसाधानों की आवश्यकता पड़ती है, उन्हें भाजपा एवं RSS नियंत्रित कर रहे हैं। लोगों को धमकी दी जा रही है। एजेंसियों का उपयोग किया जा रहा है। ऐसे में हमें लगा कि कहीं न कहीं भारत में अब राजनीति करना सरल नहीं रह गया। ऐसे में हमने यात्रा करने का फैसला किया।
राहुल गांधी ने कहा, दुनिया इतनी बड़ी है कि कोई भी व्यक्ति यह नहीं सोच सकता कि वह सबके बारे में सबकुछ जानता है। यह एक बीमारी की भांति है कि भारत में कुछ लोग ऐसे हैं, जो सोचते हैं कि वे सबकुछ जानते हैं। मुझे लगता है कि उन्हें लगता है कि भगवान से अधिक जानते हैं। वे भगवान के सामने बैठकर उन्हें भी समझा सकते हैं कि क्या चल रहा है। प्रधानमंत्री मोदी भी उनमें से एक हैं। राहुल ने कहा, मुझे लगता हैं कि प्रधानमंत्री मोदी से कहा जाए कि वे भगवान के सामने बैठ जाएं, तो वे भगवान को समझाने लगेंगे कि ब्रह्मांड में क्या चल रहा है। भगवान भी भ्रमित हो जाएंगे कि उन्होंने क्या बनाया है। भारत में यही चल रहा है। भारत में कुछ लोग ऐसे हैं, जो सबकुछ जानते हैं। जब वे वैज्ञानिक के पास जाते हैं, तो उन्हें विज्ञान के बारे में बताते हैं, जब वे इतिहासकार के पास जाते हैं, तो उन्हें इतिहास के बारे में बताते हैं। आर्मी को युद्ध के बारे में, एयरफोर्स को उड़ने के बारे में सबको सबकुछ बताते हैं। मगर सही बात ये है कि उन्हें कुछ समझ नहीं आता। क्योंकि यदि आप किसी को सुनना नहीं चाहते तो आप उसके बारे में कुछ नहीं जान सकते।
राहुल ने कहा, जब हमने यात्रा आरम्भ की, सोचा देखेंगे कि क्या होता है? 5-6 दिन पश्चात् हमें अहसास हो गया था कि हजारों किलोमीटर की यात्रा सरल नहीं है। मेरे घुटने की चोट से मुझे समस्या होने लगी। हमारे पास कोई विकल्प भी नहीं था। हम हर रोज 25 किलोमीटर की यात्रा कर रहे थे। 3 सप्ताह पश्चात् चौंकाने वाली बात हुई। हमने अहसास किया कि हमें थकान नहीं हो रही है। मैंने अपने साथ चल रहे लोगों से पूछा कि क्या उन्हें थकान हो रही है, लोगों ने कहा कि थकान नहीं हो रही है। राहुल गांधी ने कहा, हमें अहसास हो गया था कि हम अकेले यात्रा नहीं कर रहे हैं। पूरा भारत हमारे साथ यात्रा कर रहा है। जब लोगों का प्यार प्राप्त होता है तो थकान नहीं होती है। जब जुड़कर साथ चलते हैं, तो थकान नहीं होती है। हमने नफरत के बाजार में मोहब्बत की दुकान खोली। राहुल ने कहा, हमारे बारे में अच्छी बात ये हुई, हमारा हर किसी के लिए स्नेह था। जो भी कुछ कहना चाहता था, चाहें वह कुछ भी कहे, हम उसे सुनना चाह रहे थे। हम नाराज नहीं हो रहे थे। हम उन्हें प्यार कर रहे थे। यही प्रकृति है। राहुल गांधी ने कहा, उन्होंने (भाजपा) ने पूरा प्रयास किया कि हमारी भारत जोड़ो यात्रा को रोका जा सके। उन्होंने पुलिस और एजेंसियों का उपयोग किया। किन्तु वे अपने हर प्रयास में असफल हुए। आप सबने हमारी सहायता की, इसलिए कुछ भी हमारे खिलाफ काम नहीं किया।
राहुल ने कहा, यदि आप गुस्सा, घृणा और नफरत रखते हैं, तो आपको भाजपा की मीटिंग में बैठना चाहिए। मैं भी मन की बात कर रहा हूं। अमेरिका में भारत का तिरंगा उठाने के लिए धन्यवाद। ये अमेरिका के लोगों को ये बताना कि भारतीय होना क्या होता है। उनका और उनकी विचारधारा का सम्मान करके, उनसे सीखकर और उन्हें अपने से सीखने के लिए प्रेरित करने के लिए आप सभी का धन्यवाद। आप सभी हमारे एंबेसडर हैं। राहुल ने अपना संबोधन समाप्त करने के पश्चात् लोगों से कहा कि वे सवाल पूछ सकते हैं और अपने विचार रख सकते हैं। जो बीजेपी की बैठकों में नहीं होता। राहुल से जब महिलाओं के आरक्षण और सुरक्षा के मुद्दे पर सवाल किया गया, तो उन्होंने जवाब दिया कि महिलाओं के आरक्षण पर हम बिल लाना चाहते थे मगर हमारे कुछ सहयोगी इस पर राजी नहीं हुए और हम ऐसा नहीं कर पाए, मगर हम जब सत्ता में आए तो इस बिल को पास करेंगे। राहुल ने कहा, जहां तक महिलाओं की सुरक्षा की बात है, यदि हम महिलाओं को सशक्त करेंगे, हम महिलाओं को सरकार में हिस्सा देंगे, उन्हें बिजनेस में स्पेस देंगे, उन्हें पावर देंगे, तो उन्हें अपने आप ही सुरक्षा मिल जाएगी। मुस्लिम समुदाय पर अत्याचार से जुड़े सवाल पर राहुल गांधी ने कहा, नफरत के बाजार में, मोहब्बत की दुकान खोलेंगे। मुसलमानों को लग रहा है कि उन पर अधिक हमले हो रहे हैं। मगर सिख, दलित, आदिवासी सभी ऐसा ही महसूस कर रहे हैं। हर कोई पूछ रहा है कि क्या चल रहा है? मुसलमान इसे ज्यादा महसूस करते हैं क्योंकि उनकी तरफ ज्यादा केंद्रित किया जा रहा है। मगर हम नफरत को नफरत से नहीं हरा सकते। हम प्यार से नफरत को हटाएंगे। भारत नफरत में भरोसा नहीं रखता। मीडिया, एजेंसियों और प्रशासन पर नियंत्रण रखने वाले लोगों का एक छोटा समूह है, जो नफरत में भरोसा करता है। आज भारत में मुसलमानों के साथ जो हो रहा है, वही भारत में और खासकर उत्तर प्रदेश में दलितों के साथ हो रहा है। लेकिन हम इसे चुनौती देंगे, इससे लड़ेंगे।
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