नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने सोमवार को आरोप लगाया कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी कर्नाटक में चल रहे भ्रष्टाचार से लाभ उठा रहे हैं। यह बयान कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के परिवार द्वारा उनके बेटे राहुल खड़गे के ट्रस्ट को आवंटित पांच एकड़ जमीन वापस करने के फैसले के बाद दिया गया है।
प्रदीप भंडारी ने कहा कि कर्नाटक की कांग्रेस सरकार पूरी तरह से भ्रष्टाचार और अपने परिवार के सदस्यों को फायदा पहुंचाने पर केंद्रित है। उन्होंने दावा किया कि मल्लिकार्जुन खड़गे और कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया, राहुल गांधी को अपना गुरु मानते हैं। भंडारी ने यह सवाल उठाया कि क्या राहुल गांधी इन नेताओं के लिए भ्रष्टाचार के गुरु थे और कहा कि यह साबित हो चुका है कि कर्नाटक की वर्तमान कांग्रेस सरकार राज्य में अब तक की सबसे भ्रष्ट सरकार है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि राहुल गांधी इस भ्रष्टाचार से लाभान्वित हो रहे हैं।
भंडारी ने खड़गे पर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने अपने आधिकारिक पद का दुरुपयोग किया और अपने परिवार के सदस्यों को अनुचित लाभ पहुँचाने की कोशिश की। भंडारी के अनुसार, खड़गे परिवार ने अपने बेटे के ट्रस्ट को पांच एकड़ जमीन वापस करने का निर्णय इसलिए लिया, क्योंकि यह उनके पद के दुरुपयोग का परिणाम था। इसके अलावा, भंडारी ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने भी MUDA (मैसूर अर्बन डेवलपमेंट अथॉरिटी) भूमि आवंटन मामले में अपने परिवार को लाभ पहुँचाने के लिए ऐसा ही किया है, जैसा कि खड़गे ने KIADB (कर्नाटक इंडस्ट्रियल एरिया डेवलपमेंट बोर्ड) भूमि आवंटन मामले में किया था।
इस बीच, भाजपा सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने खड़गे परिवार द्वारा पांच एकड़ जमीन लौटाने के फैसले को संभावित धोखाधड़ी करार दिया और मामले की जांच की मांग की। उन्होंने कहा कि यह स्पष्ट संकेत है कि जमीन के आवंटन में अनियमितता हुई थी और जब यह धोखाधड़ी सामने आई, तो परिवार ने जमीन वापस करने का फैसला किया। उन्होंने मांग की कि इस मामले की पूरी तरह से जांच होनी चाहिए।
हाल ही में, कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कथित MUDA भूमि घोटाले से जुड़े एक मामले में धन शोधन का मामला दर्ज किया। इस कार्रवाई के बाद, सिद्धारमैया की पत्नी पार्वती ने MUDA को पत्र लिखकर उन्हें आवंटित 14 भूखंडों को वापस करने की पेशकश की। लोकायुक्त ने मैसूर में अदालत के आदेश के बाद 27 सितंबर को एफआईआर दर्ज की और मामले की जांच शुरू की। यह जांच आरोपों पर केंद्रित है कि MUDA ने मैसूर शहर के एक प्रमुख इलाके में अवैध रूप से सिद्धारमैया की पत्नी को 56 करोड़ रुपये की 14 साइटें आवंटित कीं।
कुल मिलाकर, भाजपा ने कांग्रेस पर राज्य में भ्रष्टाचार फैलाने का आरोप लगाया है और मामले की स्वतंत्र जांच की मांग की है। कांग्रेस के नेताओं पर सरकारी पद का दुरुपयोग कर अपने परिवार के सदस्यों को लाभ पहुंचाने के गंभीर आरोप लगाए गए हैं। भाजपा इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस पर तीखा हमला कर रही है, जबकि कांग्रेस के नेताओं ने इस आरोप को अस्वीकार करते हुए इसे राजनीतिक साजिश करार दिया है।
गांधी परिवार को लेकर बॉम्बे हाई कोर्ट में सनसनीखेज खुलासे, अर्नब मामले में हुई सुनवाई
अब मणिपुर को भारत से अलग करने की मांग, ब्लैक डे मनाएंगे उग्रवादी गुट