नई दिल्ली: 2019 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की शर्मनाक पराजय के बाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद से इस्तीफ़ा देने के बाद राहुल गांधी एक बार फिर कांग्रेस की बागडौर अपने हाथ में ले सकते हैं. माना जा रहा है कि अप्रैल महीने में राहुल गांधी को ये ज़िम्मेदारी वापस सौंपी जाएगी. कांग्रेस सूत्रों के अनुसार उन्हें यह जिम्मेदारी बजट सत्र के ख़त्म होने के बाद बैसाखी पर्व के आस-पास सौंपी जाएगी.
पार्टी की ओर से अध्यक्ष पद के ऑफर को कई बार ठुकराने के बाद 2017 में राहुल गाँधी ने ये ज़िम्मेदारी ली थी. तब राहुल गांधी को कांग्रेस ने निर्विरोध अध्यक्ष चुना गया था. किन्तु 2019 के आम चुनावों में पार्टी की शर्मनाक पराजय के बाद उन्होंने अपने पद से इस्तीफ़ा दे दिया था. हालांकि पार्टी ने उन्हें ऐसा न करने के लिए काफी बार मनाया, किन्तु राहुल गांधी अपना फ़ैसला वापस नहीं लिया था.
राहुल गांधी ने चुनाव हारने की जिम्मेदारी खुद पर लेते हुए मई में अध्यक्ष पद से इस्तीफ़ा दिया था. इसके कुछ महीने बाद सोनिया गांधी को कांग्रेस का अंतरिम अध्यक्ष नियुक्त किया गया था. पार्टी को अब भी एक स्थाई अध्यक्ष की तलाश है और जिस तरह की स्वीकार्यता पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच राहुल गांधी की है, उसे देखते हुए कांग्रेस एक बार फिर उन्हें अध्यक्ष पद सौंपना चाहती है.
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