नई दिल्ली: सरकार की तरफ से कुछ महीने पहले ही नई शिक्षा नीति की घोषणा की गई है, जिस पर अभी भी मंथन जारी है. पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा था कि देश के लक्ष्यों को शिक्षा नीति और व्यवस्था के माध्यम से ही पूरा किया जा सकता है. पीएम मोदी ने कहा था कि शिक्षा नीति में सरकार का दखल कम होना चाहिए. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने गुरुवार को केंद्र सरकार की नई शिक्षा नीति पर हमला बोलते हुए आरोप लगाया कि यह देश के संस्थागत ढांचे पर एक “वैचारिक हमला” है.
वहीं राहुल गांधी ने अपने संसदीय क्षेत्र वायनाड में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि, “NEP (National Education Policy) को बिना किसी बातचीत, चर्चा और शिक्षकों से पूछे बगैर भी लाया गया कि क्या यह छात्रों के लिए अच्छा होगा. यह दुखद है और इससे हमारे छात्रों को काफी नुकसान होगा,”. उन्होंने कहा कि “यह देश के संस्थागत ढांचे और हमारी शिक्षा प्रणाली पर एक वैचारिक हमला है, जहां किसी को किसी भी समझ की जरुरत नहीं है. उन्होंने पीएम मोदी को निशाना बनाते हुए कहा कि, ”जब तक वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सदस्य हैं, आप कुलपति और राज्यपाल बन सकते हैं. राहुल गांधी ने कहा कि देश में आप जो भी भूमिका निभाना चाहते हैं, वह दुखद है. हमें पूरी ताकत के साथ यह लड़ना है.”
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने आगे कहा कि भारत तभी मजबूत हो सकता है जब उसके संस्थान मजबूत हों और यदि कई विचार एक-दूसरे को शांति से चुनौती देते हैं. उन्होंने केंद्र के ‘शिक्षा को डिजिटलीकरण करने के प्रयास’ पर भी हमला बोलते हुए कहा कि इससे ‘छात्रों को जबरदस्त नुकसान होगा.’
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