रायबरेली जाने से पहले हनुमान मंदिर पहुंचे राहुल गांधी, लेकिन उनके ही संसदीय क्षेत्र में क्यों शुरू हुआ विरोध ?

रायबरेली जाने से पहले हनुमान मंदिर पहुंचे राहुल गांधी, लेकिन उनके ही संसदीय क्षेत्र में क्यों शुरू हुआ विरोध ?
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लखनऊ: कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने आज मंगलवार (9 जुलाई) को अपने संसदीय क्षेत्र रायबरेली जाते समय चुरवा स्थित हनुमान मंदिर में पूजा-अर्चना की। रिपोर्ट के अनुसार, लोकसभा में विपक्ष के नेता गांधी अपने एक दिवसीय दौरे के दौरान पार्टी कार्यकर्ताओं और अपने निर्वाचन क्षेत्र के स्थानीय निवासियों से मुलाकात करने वाले हैं।

लखनऊ के चौधरी चरण सिंह हवाई अड्डे पर उतरने के बाद कांग्रेस नेता सड़क मार्ग से रायबरेली के लिए रवाना हुए। रायबरेली राज्य की राजधानी से लगभग 80 किलोमीटर दूर है। रायबरेली जाते समय वे बछरावां के निकट चुरवा मंदिर में रुके और भगवान हनुमान के दर्शन किए। कांग्रेस पार्टी ने सोशल मीडिया पर कहा कि, "राहुल गांधी ने चुरवा हनुमान मंदिर में पूजा की और देश की खुशी, शांति और समृद्धि के लिए भगवान हनुमान से प्रार्थना की।"

एक स्थानीय पार्टी नेता ने बताया कि गांधी भुएमऊ गेस्ट हाउस पहुंचे, जहां वह पार्टी कार्यकर्ताओं, प्रतिनिधिमंडलों और स्थानीय लोगों से मुलाकात करेंगे। उन्होंने बताया कि वह कीर्ति चक्र विजेता कैप्टन अंशुमान सिंह के परिवार के सदस्यों से भी मिलेंगे। हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी ने रायबरेली लोकसभा सीट से 3.90 लाख से अधिक मतों के अंतर से जीत हासिल की थी। चुनाव जीतने के बाद उन्होंने पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के साथ कार्यकर्ताओं के साथ बैठक की।

 

वहीं, उनके हिन्दू हिंसक वाले बयान पर रायबरेली में कुछ स्थानों पर राहुल गांधी का विरोध भी देखने को मिला है। दरअसल, राहुल गांधी ने संसद में कहा था कि,  ''जो लोग खुद को हिंदू कहते हैं, वे चौबीसों घंटे नफरत, हिंसा और असत्य में लिप्त रहते हैं।'' इसके बाद जब प्रधानमंत्री  ने उन्हे टोका तो, राहुल गांधी ने कहा कि वे पूरे हिन्दू समुदाय की नहीं, बल्कि भाजपा-RSS के हिन्दू की बात कर रहे हैं। अब राहुल के विरोध में रायबरेली में कुछ पोस्टर देखने को मिले हैं, जिन पर लिखा है कि, '' आपको अपना बहुमूल्य मत देने वाला रायबरेली का हिन्दू मतदाता क्या हिंसक है ? रायबरेली का हिन्दू मतदाता क्या गाली खाने के लिए आपको वोट देगा ?''

 

बता दें कि, इस बार तो राहुल गांधी ने कह दिया कि, वे पूरे हिन्दू समुदाय की नहीं बल्कि भाजपा-RSS के बारे में बात कर रहे थे, लेकिन ये पहली बार नहीं है, जब उन्होंने हिन्दू धर्म के लिए ऐसा बयान दिया हो। क्या वे कभी किसी अन्य धर्म के लिए ऐसा बोलते दिखे हैं ? क्या कभी उन्होंने ऐसा कहा है कि, वे मुस्लिम हिंसक, सबके लिए नहीं सिर्फ आतंकवादियों के लिए कह रहे थे ? या फिर उन्होंने कन्हैयालाल या उमेश कोल्हे का गला काटने वाले कट्टरपंथियों को हिंसक कहा हो ? जब एक ईसाई पादरी, जॉर्ज पोन्नैया ने राहुल को उपदेश देते हुए कहा था कि, ''जीसस ही असली ईश्वर हैं, वे शक्ति या अन्य हिन्दू भगवानों की तरह नही।'' तो क्या राहुल गांधी ने उन्हें समझाया था कि पादरी जी आपको सभी धर्मों की इज्जत करनी चाहिए ? जबकि राहुल गांधी तो खुद को शिवभक्त कहते हैं, संसद में अभय मुद्रा दिखाते हैं, लेकिन शक्ति का अपमान चुपचाप सुनते रहे। खैर, उन्होंने कहा भी था कि, ''हिन्दू धर्म में एक शब्द है शक्ति, हम उसके खिलाफ लड़ रहे हैं।'' यहाँ उन्होंने हिंदी भाषा में एक शब्द शक्ति नहीं कहा और हिन्दू धर्म में शक्ति किसे कहते हैं, ये सब जानते हैं। 

क बयान में उन्होंने कहा था कि, ''जो लोग मंदिर जाते हैं, वही बाहर आकर लड़की छेड़ते हैं।'' अब मंदिर केवल भाजपा या RSS के हिन्दू तो जाते नहीं। खुद राहुल गांधी आज मंदिर गए हैं, तो क्या वे बाहर निकलकर लड़की छेड़ेंगे ? फिर एक बयान में उन्होंने कहा था कि, ''हमें इन हिन्दुत्ववादियों को एक बार फिर देश से बाहर निकालना है।'' अब कांग्रेस की साथी शिवसेना (उद्धव गुट) भी कहती है कि हमारा हिंदुत्व असली है, तो राहुल गांधी किन हिन्दुत्ववादियों की बात कर रहे थे ?   

 

एक बार राहुल गांधी ने हिन्दू-हिंदुत्व को अलग अलग बता दिया था, एक बार ये भी कहा था कि, मैं किसी भी तरह के हिंदुत्व में यकीन नहीं करता। उनकी ही साथी पार्टी DMK के नेता सनातन के समूल नाश की बातें बार बार दोहरा रहे थे, कुछ कांग्रेस नेताओं ने भी उदयनिधि स्टालिन का समर्थन किया था, जिस पर राहुल मौन रहे थे। तो क्या सारे सनातन धर्म वाले भी भाजपा-RSS के लोग हैं ? आज राहुल गांधी ने इस्लाम और सिख समुदाय को लेकर अभय मुद्रा पर एक भ्रामक बयान दिया, जिसके बाद उन्हें इन दोनों समुदायों से फटकार मिल गई, अब उम्मीद है कि वे इन दोनों समुदायों पर सोच समझकर बोलेंगे। हाँ, हिन्दुओं पर वे बोल सकते हैं, बार-बार लगातार, क्योंकि, भारत में हिन्दू नहीं रहते, यहाँ रहते हैं, यादव, जाट, दलित, ठाकुर, ब्राह्मण, कुर्मी, आदिवासी, बनिए और भी बहुत सारे लोग, लेकिन हिन्दू नहीं।  

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