ऊना: गुजरात की मुख्यमंत्री आनंदी बेन पटेल के बाद अब दलित पीड़ितों का हाल जानने के लिए कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी अब ऊना पहुंचे है। राहुल से पहले एनसीपी के नेता प्रफुल्ल पटेल भी पीड़ितों से मिलने पहुंचे थे। बुधवार को यह मुद्दा सदन में भी उठाया गया था। इससे संबंधित सवालों का जवाब देते हुए गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने गुजरात सरकार से तुरंत कार्रवाई की मांग की।
बुधवार को गुजरात की मुख्यमंत्री आनंदी बेन पटेल ऊना हिंसा में पीड़ित दलितों के परिजनों से मिलने पहुंची। उनके साथ उनकी कैबिनेट के दो अन्य मंत्री व चीफ सेक्रेटरी भी थे। आगे खबर है कि राहुल गांधी और अरविंद केजरीवाल भी ऊना का दौरा करेंगे। पीड़ितों से मुलाकात के बाद आनंदी बेन ने कहा कि मैं घटना की निंदा करती हूं।
उन्होने कहा कि आगे से ऐसी वारदातें न हो, इसके लिए मैं लोगों से अपील करती हूं। सभी पीड़ितों को 4 लाख रुपए मुआवजे के तौर पर दिए जाने की घोषणा करते हुए सीएम ने कहा कि इसमें से एक लाख रुपए का चेक पहले ही दिया जा चुका है। आगे उन्होने कहा कि अगले 30 दिनों के भीतर इस मामले में चार्जशीट दी जाएगी।
इस मामले में अब तक 16 लोगों की गिरफ्तारी की जा चुकी है। इस घटना को सियासी मुद्दा बनाए जाने पर आनंदीबेन ने राजनीतिक पार्टियों की निंदा करते हुए कहा कि सीएम आनंदीबेन ने कहा, हमने केंद्रीय गृह विभाग को, वेंकैया जी को हर तरह की जानकारी दे दी थी। ऐसी वारदातों को कभी राजनीतिक मुद्दा नहीं बनाना चाहिए।
मेरी सभी पार्टियों से विनती है कि वे इस पर राजनीति ना करें। इस घटना को मानवता के आधार पर देखें। बता दें कि आनंदीबेन ने इस मामले में पहले ही सीआईडी जांच के आदेश दे दिए हैं। बुधवार को संसद में भी यह मुद्दा छाया रहा। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी भी गुरुवार को गुजरात कर सकते है। इस के खिलाफ दलित पहले ही सड़कों पर उतर आए है।
कई नौजवानों ने तो आत्म हत्या का भी ऐलान कर दिया है। गुजरात में बीते 20 वर्षो से कांग्रेस सत्ता से दूर है। ऐसे में अगले साल होने वाले राज्य विधानसभा चुनाव को देखते हुए कांग्रेस उस मसले का राजनीतिक लाभ लेने का भरपूर प्रयास कर रही है। आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल भी ऊना जा सकते है।
उन्होने ने भी पहले ही घोषणा की थी कि वो आगामी विधानसबा चुनाव में गुजरात में चुनाव लड़ेंगे। ऐसे में वो भी मामले को राजनीतिक रंग देने से पीछे नहीं हट रहे है। बता दें कि गोहत्या की चर्चा होने पर 11 जुलाई को ऊना में 5 नौजवानों को गौरक्षक दलों के कार्यकर्ताओं ने पहले अकेले में फिर बाजार में सरेआम जमकर पीटा।
दबंगई की इस घटना का वीडियो वायरल होने के बाद सोमवार 18 जुलाई से गुजरात में कई जगहों पर इसके विरोध में धरना प्रदर्शन शुरू हो गए।