वियतनाम से नए साल का जश्न मनाकर लौटे राहुल गांधी..! अब दिल्ली चुनाव में करेंगे कांग्रेस का प्रचार

वियतनाम से नए साल का जश्न मनाकर लौटे राहुल गांधी..! अब दिल्ली चुनाव में करेंगे कांग्रेस का प्रचार
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नई दिल्ली: चुनाव आयोग ने बुधवार को दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 की तारीखों का ऐलान कर दिया है। राजधानी की सभी 70 सीटों पर मतदान 5 फरवरी को एक ही चरण में होगा, जबकि नतीजे 8 फरवरी को घोषित किए जाएंगे। दिल्ली के राजनीतिक परिदृश्य में सरगर्मी तेज हो गई है, और कांग्रेस ने भी अपने चुनावी रण का आगाज़ करते हुए कई प्रत्याशियों के नाम का ऐलान कर दिया है। 

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी पहली बार दिल्ली चुनावी रैली करेंगे। उनकी यह रैली 13 जनवरी को सीलमपुर में होने की संभावना है। इस दौरान वह पूर्वी दिल्ली के उम्मीदवारों के समर्थन में जनता को संबोधित करेंगे। राहुल गांधी की यह रैली कांग्रेस के चुनाव प्रचार को तेज करने की रणनीति का हिस्सा है। 

दिलचस्प बात यह है कि राहुल गांधी की यह चुनावी तैयारी ऐसे समय में हो रही है जब उनकी वियतनाम यात्रा को लेकर हाल ही में विवाद खड़ा हुआ था। सूत्रों के मुताबिक, राहुल गांधी कथित तौर पर नए साल का जश्न मनाने के लिए वियतनाम गए थे। यह यात्रा तब हुई थी जब देश सात दिन के शोक में डूबा हुआ था। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन के बाद पूरा देश गमगीन था, और राहुल गांधी द्वारा विदेश में नए साल का जश्न मनाना कई सवाल खड़े कर रहा था। 

हालांकि, कांग्रेस पार्टी ने इस यात्रा को लेकर कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी थी, कि राहुल कहाँ गए, किससे मिले, कब लौटेंगे ? और राहुल कि गुप्त यात्रा को नकारा भी नहीं. कांग्रेस नेता मणिकम टैगोर ने कहा कि राहुल गांधी यदि अपनी पर्सनल यात्रा पर कहीं जाते हैं तो इसमें आपको क्या आपत्ति? हालाँकि, देश का प्रधानमंत्री उम्मीदवार अगर कहीं अचानक गायब हो जाए, तो जनता के मन में तो सवाल उठते ही हैं. जो उठे भी कि आखिर शोक के वक्त हमारा प्रधानमंत्री उम्मीदवार कहाँ चला गया? जो व्यक्ति कल तक पूर्व पीएम मनमोहन के लिए स्मारक बनाने की मांग कर रहा था, सरकार पर मनमोहन सिंह के अपमान का आरोप लगा रहा था,  क्या उसे नए साल के शराब-शबाब ने आकर्षित कर लिया?

हालाँकि, जनता को इन सवालों के जवाब तो नहीं मिले, लेकिन अब राहुल गांधी संभवतः लौट आए हैं और दिल्ली विधानसभा चुनाव प्रचार में जुटने वाले हैं। पार्टी के भीतर और बाहर, उनकी सक्रियता की काफी चर्चा हो रही है। कांग्रेस ने अब तक तीन सूचियां जारी करते हुए 48 उम्मीदवारों के नाम तय कर दिए हैं। इस बार पार्टी ने अपने बड़े नेताओं को भी चुनावी मैदान में उतारा है। नई दिल्ली सीट से संदीप दीक्षित को टिकट दिया गया है, जहाँ उनका मुकाबला मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (AAP) और भाजपा के परवेश वर्मा से होगा। वहीं, कालकाजी सीट पर कांग्रेस की अलका लांबा का सामना मुख्यमंत्री आतिशी (AAP) और भाजपा के रमेश बिधूड़ी से होगा। 

राहुल गांधी की चुनावी रैली को कांग्रेस के लिए निर्णायक माना जा रहा है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि वियतनाम यात्रा को लेकर उठे सवालों के बाद राहुल को अब पार्टी की छवि सुधारने के लिए कड़ी मेहनत करनी होगी। इस रैली के माध्यम से राहुल गांधी अपने नेतृत्व का प्रदर्शन कर सकते हैं और दिल्ली में कांग्रेस को फिर से स्थापित करने की दिशा में काम कर सकते हैं। 

भाजपा पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दो रैलियों के माध्यम से चुनावी अभियान में बढ़त लेने की कोशिश कर रही है। दूसरी ओर, आम आदमी पार्टी ने पदयात्राओं और जनसभाओं के जरिये मतदाताओं तक पहुंच बनानी शुरू कर दी है। अब देखना यह होगा कि राहुल गांधी की वापसी और उनकी पहली रैली कांग्रेस के लिए क्या नया मोड़ लेकर आती है। क्या राहुल गांधी अपनी पार्टी को इस चुनावी जंग में धार दे पाएंगे, या फिर विवादों का साया उनके प्रयासों को कमजोर करेगा?

 

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