नई दिल्ली: लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने आज सोमवार (1 जुलाई) को केंद्र की भाजपा नीत NDA गठबंधन सरकार पर तीखा हमला करते हुए दावा किया कि अग्निवीरों के साथ ‘इस्तेमाल करो और फेंक दो’ जैसा व्यवहार किया जा रहा है। लोकसभा में राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि, कुछ दिन पहले पंजाब में मैं एक अग्निवीर के परिवार से मिला, जो बारूदी सुरंग विस्फोट में शहीद हो गया। मैं उसे शहीद कह रहा हूं, लेकिन भारत सरकार उसे शहीद नहीं मानती। नरेंद्र मोदी उसे शहीद नहीं कहते, अग्निवीर कहते हैं।
उन्होंने कहा कि, परिवार को पेंशन या मुआवजा नहीं मिलेगा, न ही उनके बेटे को शहीद के रूप में मान्यता दी जाएगी। उन्होंने आगे कहा कि अग्निवीरों के साथ 'इस्तेमाल करो और फेंक दो' मजदूर जैसा व्यवहार किया जाता है। राहुल ने कहा कि, आप अग्निवीर को छह महीने की ट्रेनिंग देते हैं और उसे चीनी कर्मियों के सामने खड़ा करते हैं, जिन्हें पांच साल की ट्रेनिंग मिलती है। इतना ही नहीं, आप लाभ के कारण जवान और अग्निवीर के बीच अंतर पैदा कर रहे हैं। राहुल ने पुछा, आप लोग खुद को देशभक्त बताते हैं, लेकिन आप किस तरह के देशभक्त हैं?
इस पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने हस्तक्षेप करते हुए राहुल गांधी पर सदन में झूठ फैलाने का आरोप लगाया। रक्षा मंत्री ने कहा कि, सरकार ड्यूटी के दौरान शहीद होने वाले अग्निवीर के परिजनों को 1 करोड़ रुपये का मुआवजा देती है। इस बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी अपने स्थान से खड़े हो गए और उन्होंने कहा कि सदन में दो बयान दर्ज किए गए, एक विपक्ष के नेता का और दूसरा रक्षा मंत्री का।
अमित शाह ने कहा कि विपक्ष के नेता (राहुल) ने अभी कहा कि एक करोड़ का भुगतान नहीं किया गया है, और रक्षा मंत्री ने उसका जवाब दिया है। ये सदन झूठ फैलाने की जगह नहीं है। राहुल गांधी को इसकी तथ्यात्मक स्थिति पेश करनी चाहिए, और अगर वह ऐसा नहीं कर सकते हैं, तो उन्हें माफ़ी मांगनी चाहिए। इस पर राहुल गांधी ने तुरंत जवाब देते हुए कहा कि उन्होंने सदन में तथ्यात्मक स्थिति पहले ही पेश कर दी है और हर कोई इससे वाकिफ है। इससे सदन में अफरा-तफरी मच गई और सत्ता पक्ष के सदस्यों ने राहुल गांधी को अपनी बात साबित करने की चुनौती दी। राहुल गांधी ने यह भी कहा कि अग्निवीर योजना का विचार भारतीय सेना से नहीं, बल्कि प्रधानमंत्री कार्यालय से आया था और यह नोटबंदी की तरह ही प्रधानमंत्री के दिमाग की उपज थी।
इस आरोप पर रक्षा मंत्री ने जवाब देते हुए कहा कि इस योजना को लागू करने के लिए 158 संगठनों ने सुझाव दिए हैं। उन्होंने कहा कि अमेरिका और ब्रिटेन में भी ऐसी ही योजनाएं हैं। उन्होंने राहुल गांधी पर बिना उचित जानकारी के बोलने का आरोप लगाया और अध्यक्ष से अनुरोध किया कि उनके भाषण को सदन की कार्यवाही से हटा दिया जाए। इसके जवाब में राहुल गांधी ने कहा कि जिस दिन उनकी सरकार सत्ता में आएगी, अग्निवीर योजना को खत्म कर दिया जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट से भी अग्निवीर योजना को मिली थी क्लीन चिट :-
बता दें कि, तीनों सेनाओं में भर्ती के लिए लाई गई अग्निपथ योजना को गत वर्ष सर्वोच्च न्यायालय ने भी क्लीन चिट दे दी थी। देश की सबसे बड़ी अदालत ने इस योजना को सही मानते हुए इसके खिलाफ दाखिल 3 याचिकाओं को खारिज कर दिया था। पहले भी, इस योजना को लेकर विपक्ष ने काफी हंगामा मचाया था, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने तो यहाँ तक कह दिया था कि, अग्निपथ RSS की योजना है और इसे सेना पर थोपा गया है। गौर करने वाली बात ये भी है कि, कट्टरपंथी संगठन PFI ने भी अग्निपथ को RSS की योजना बताते हुए ही युवाओं को भड़काने की कोशिश की थी, आतंकी गतिविधियों में लिप्त होने के कारण सरकार ने इस संगठन पर बैन लगा रखा है। वहीं, सेना ने खुद कहा था कि, सेना में सुधार की इस प्रक्रिया पर काफी समय से विचार चल रहा था और काफी मंथन के बाद इसे लागू किया गया है।
Rahul Gandhi said in parliament exactly what PFI claimed in propaganda against the Agnipath scheme. Just like PFI claimed that the Agnipath scheme is an RSS conspiracy to impart weapons training to Hindus to attack Muslims, Rahul Gandhi also made similar comments in the LS. pic.twitter.com/RRUBCH0Z28
— Kavi ???????? (@kavita_tewari) February 11, 2023
उल्लेखनीय है कि, इससे पहले फरवरी में दिल्ली उच्च न्यायालय ने भी अग्निपथ योजना पर मुहर लगा दी थी, हालाँकि फिर भी याचिकाकर्ता नहीं माने थे और इस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा था कि यह योजना देशहित में है। इससे सेनाओं की तैयारी बेहतर हो सकेगी। जिसके बाद सर्वोच्च न्यायालय ने भी हाई कोर्ट के उस फैसले पर मुहर लगा दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि, 'हम उच्च न्यायालय के फैसले में दखल नहीं देंगे क्योंकि हाई कोर्ट ने सभी पहलुओं पर विचार करने के बाद ही आदेश दिया है।'
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