देश भर से आते रुझानों और चुनावी परिणामो के चलते आख़िरकार राहुल ने मान ही लिया की क्यों पार्टी की ये हालत हुई. राहुल गांधी ने माना कि साल 2012 के आसपास कांग्रेस दंभ में चूर थी, जिसका खमियाजा पार्टी भुगत रही है. इस के चलते पार्टी को काफी नुकसान हुआ है. उस समय सोनिया का पार्टी पर वर्चस्व था. हालांकि इसके बाद धीरे-धीरे राहुल गांधी का पार्टी में जान फुकने की कोशिश कर रहे है.
राहुल ने कहा कि पार्टी के पुनर्निर्माण की जरूरत है. पूर्व में की गई गलतियों से सिख लेने के साथ आगे बढ़ना है. कांग्रेस के दिग्गज नेताओं ने गलतियां की थीं. 2012 में हमने जनता के साथ बातचीत करनी बंद कर दी थी. राहुल ने आगे कहा हमें एक ऐसा विजन तैयार करने की जरूरत है जो हमें आगे बढ़ने में मदद करे. भाजपा इस समय जो कुछ भी कर रही है, वो सब हम पहले ही कह चुके हैं. राहुल गांधी ने ये बात ग्लोबल ऑर्गेनाइजेशन ऑफ पीपुल ऑफ इंडियन ओरिजिन के समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में कही .
गौरतलब है कि कांग्रेस पार्टी कि हालत मौजूदा समय में बिलकुल भी ठीक नहीं है. हार पे हार से संघठन में फुट पड़ रही है .कोई भी नेता कांग्रेस के साथ खुद को सुरक्षित महसूस नहीं कर रह रहा है. ऐसे में बीजेपी की हर कामयाबी कांग्रेस को गर्त में धकेल रही है. इन सब के बावजूद राहुल अकेले इस पार्टी के लिए संजीवनी का काम कर रहे है. राहुल फिर देश की सबसे पुरानी से इस राजनितिक पार्टी को अपनी खोई हुई गरिमा और सम्मान दिलवाने की कोशिश में जुटे है.
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