कैप्टन की 'छुट्टी' करने के बाद छुट्टी मनाने गया गांधी परिवार, प्रियंका की 'विवादित कोठी' में डाला डेरा

कैप्टन की 'छुट्टी' करने के बाद छुट्टी मनाने गया गांधी परिवार, प्रियंका की 'विवादित कोठी' में डाला डेरा
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अमृतसर: पंजाब को सोमवार को चरणजीत सिंह चन्नी के रूप में नया CM मिल गया। कांग्रेस हाईकमान ने चन्नी की ताजपोशी उस कैप्टन अमरिंदर सिंह को हटाकर की है, जिनकी गिनती कभी गाँधी परिवार के सबसे करीबी लोगों में होती थी। कैप्टन की छुट्टी करने के बाद अब वाड्रा-गाँधी परिवार के छुट्टी मनाने के लिए शिमला पहुंचने की खबर सामने आ रही है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, चन्नी के शपथ ग्रहण समारोह से फ्री होते ही राहुल गाँधी शिमला के बाहरी इलाके में स्थित अपनी बहन प्रियंका गाँधी वाड्रा की उस कोठी पर पहुँच गए हैं, जो शुरु से ही विवादों में रही है।

प्रियंका और उनकी माँ, कांग्रेस की कार्यकारी अध्‍यक्ष सोनिया गाँधी पहले ही यहाँ पहुँच चुकीं थी। बता दें कि, प्रियंका का यह घर शिमला से लगभग 15 किलोमीटर दूर छराबड़ा में स्थित है। 2020 में जब मुंबई में एक्ट्रेस कंगना रनौत की प्रॉपर्टी पर एक्शन लिया गया था, तो नेटिजन्स ने प्रियंका के इस अवैध बंगले को तोड़ने की भी माँग की थी। इस घर को लेकर प्रियंका को उच्च न्यायालय तक से नोटिस मिल चुका है। दरअसल, यह घर VVIP इलाके में बनाया गया है, जो राष्ट्रपति के ग्रीष्मकालीन आवास ‘द रिट्रीट’ से लगा हुआ है। बता दें कि हिमाचल प्रदेश किराएदारी और भूमि सुधार अधिनियम की धारा 118 का हवाला देकर इस संपत्ति पर शुरू से सवाल उठते रहे हैं। इस धारा के अंतर्गत प्रावधान है कि, कोई भी बाहरी राज्य में जमीन नहीं ले सकता है। अगर कोई इच्छुक भी हो, तो उसे भूअधिनियम की धारा 118 के तहत मंजूरी लेनी होती है। इसकी मंजूरी राज्य सरकार कैबिनेट में देती है। हालाँकि, कहा जाता है कि प्रियंका वाड्रा ने इस प्रक्रिया का पालन किया है। फिर भी कार्यकर्ताओं और याचिकाकर्ताओं की माँग ये है कि इस जमीन से संबंधित दस्तावेज ऑन रिकॉर्ड लेकर आए जाएँ। बताया जाता है कि हिमाचल कांग्रेस के नेता केहर सिंह खाची के नाम पर इस भूखंड की पावर ऑफ अटॉर्नी है।

रिपोर्ट के मुताबिक, इस घर के लिए जमीन 2007, 2011 और 2013 में की खरीदी गई थी। कांग्रेस की वीरभद्र सिंह सरकार ने 2007 में सबसे पहले नियमों में रियायत देते हुए प्रियंका को जमीन खरीदने की अनुमति दी थी। बाद में अन्य सरकारों से भी इस प्रकार की विशेष अनुमति मिलने की बात कही जाती है। इसके लिए राष्ट्रपति सचिवालय से भी प्रियंका को आसानी से NOC मिला था, जबकि उससे पहले इस जमीन के मालिकों ने इसे बेचने का प्रयास किया था, तो उन्हें NOC नहीं मिल सका था। इस भूमि पर घर का निर्माण 2008 में शुरू हुआ। लगभग 10 वर्षों में यह तैयार हुआ था और 2019 में प्रियंका ने गृह प्रवेश किया था। उससे पहले इस घर को एक बार इसलिए तोड़ दिया गया था, क्योंकि प्रियंका को डिजाइन पसंद नहीं आया था।

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