नईदिल्ली। इन दिनों कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी का अंदाज़ कुछ अलग लग रहा है। वे लगातार गुजरात के विभिन्न क्षेत्रों का दौरा कर रहे हैं। उनके भाषणों का अंदाज़ पहले से अलग है और अब कहीं न कहीं जनता उनकी बातों पर ध्यान देने लगी हैं। अब तक पप्पू कहकर कथित तौर पर जो लोग उनका मजाक बनाया करते थे वे भी उनके भाषणों की सराहना कर रहे हैं। उनके इस बदलते अंदाज़ के चलते सभी आश्चर्य में हैं। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी अमेरिका गए और वहां उन्होंने देश के हालातों पर कान्फ्रेंस में भाग लिया।
इसके बाद स्वदेश लौटने पर उन्होंने गुजरात दौरा किया। राहुल गांधी की अध्यक्ष पद पर ताजपोशी के पहले, वे कांग्रेस में जिस तरह से ऊर्जा का संचार कर रहे हैं, वह बेहद महत्वपूर्ण है। माना जा रहा है कि अक्टूबर के आखरी सप्ताह में उन्हें कांग्रेस अध्यक्ष बनाया जा सकता है। हाशिये पर जा चुकी कांग्रेस के कार्यकर्ताओं में राहुल के दौरों से उत्साह व्याप्त हो गया है। कांग्रेस ने विभिन्न मसलों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार को घेरकर रखा हुआ है।
हालात ये हैं कि, सोशल मीडिया से लेकर जमीन तक कांग्रेस पार्टी और विभिन्न कार्यकर्ता सक्रिय हैं। ऐसा नहीं है कि, राहुल गांधी ने केवल भाषण ही दिए। वे गुजरात के कई समुदायों से मिले। उन्होंने पाटीदार, किसान और अन्य वर्ग के लोगों से चर्चा की।
विद्यार्थियों के साथ वे मौजूद रहे। तो दूसरी ओर मंदिर में दर्शन भी किए। इससे वे साफ्ट हिंदुत्व के मसले पर प्रभावशाली नज़र आए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ही तरह राहुल गांधी भी आदिवासियों के साथ लय और ताल मिलाते नज़र आए। माना जा रहा है कि, राहुल कुछ नए अंदाज़ में कांग्रेस को तैयार करने में लगे हैं। गुजरात के जिस माडल के नाम पर तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री पद का दावेदार बताया गया था। उसी माडल को वे असफल बताते हुए कांग्रेस की संभावनाओं को बल दे रहे हैं।
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