बैंगलोर: कर्नाटक विधानसभा चुनाव में प्रचंड जीत दर्ज करने के बाद कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी लगभग 10 दिनों के लिए अमेरिका दौरे पर जाएंगे। राहुल गांधी 31 मई को अमेरिका पहुंचेंगे और 4 जून को न्यू यॉर्क के मैडिसन स्क्वायर में भारतीय प्रवासियों की रैली को संबोधित करेंगे और कई और कार्यक्रमों में भी हिस्सा लेंगे।
बता दें कि, राहुल गांधी ऐसे वक़्त में अमेरिका की यात्रा पर जा रहे हैं, जब 20 जून के बाद पीएम नरेंद्र मोदी भी राजकीय यात्रा पर अमेरिका जाने वाले हैं। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन की तरफ से पीएम मोदी को राजकीय यात्रा का निमंत्रण मिला था, जिसे प्रधानमंत्री ने स्वीकार कर लिया है। अमेरिका में पीएम मोदी व्हाइट हाउस के रात्रिभोज में भी शिरकत करेंगे। जानकारी के अनुसार, राहुल गांधी लगभग 10 दिन तक अमेरिका में रहेंगे। इस दौरान राहुल वॉशिंगटन और कैलिफोर्निया भी जाएंगे, जहां स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में पैनल डिस्कशन और उनके भाषण होंगे। इसके अलावा वो राजनेताओं और उद्यमियों से भी मिलेंगे।
बता दें कि, कुछ समय पहले राहुल गांधी इंग्लैंड दौरे पर गए थे, जहाँ उन्होंने मोदी सरकार को घेरने के लिए कई आरोप लगाए थे। जिसको लेकर भारत में काफी बवाल मचा था, यहाँ तक कि विदेशी धरती पर भारत को नीचा दिखाने के लिए राहुल गांधी को माफ़ी मांगने के लिए भी कहा गया था। ऐसे में अब ये भी देखने लायक होगा कि, राहुल अमेरिका में क्या भाषण देते हैं और उस पर भारत में क्या प्रतिक्रिया होती है। पहले राहुल द्वारा ब्रिटेन में दिए गए उन मुख्य 4 बयानों पर थोड़ा ध्यान देते हैं, जिनपर भारत में बवाल मचा।
1- सिखों को दूसरे दर्जे का नागरिक समझते हैं :-
ब्रिटेन दौरे पर गए राहुल गांधी ने भारत सरकार पर हमला बोलते हुए कहा था कि, पीएम नरेंद्र मोदी मुस्लिमों और सिखों को दूसरे दर्जे का नागरिक समझते हैं। बता दें कि, राहुल गांधी ने ये बयान ऐसे समय में दिया था, जब भारतीय समुदाय के खिलाफ दुनियाभर में खालिस्तानी हमले हो रहे थे। राहुल गांधी के इस बयान के कुछ दिनों बाद भी 19 मार्च को ब्रिटेन में खालिस्तानियों ने भारतीय दूतावास पर हमला किया और वहां तिरंगे का अपमान किया था। ऐसी स्थिति में राहुल गांधी के इस बयान को हथियार बनाकर भारत विरोधी ताकतें, सिखों को भड़का सकती थी, या हो सकता है कि भड़का भी दिया हो।
2- मेरे फोन में पेगासस था : -
लंदन में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ये भी दावा किया था कि, उनकी जासूसी की गई थी और उनके फ़ोन में पेगासस था। राहुल ने दावा किया था कि, उन्हें खुद ख़ुफ़िया अधिकारियों ने बताया था कि, वे फोन पर बात करते समय सतर्क रहें, क्योंकि उनकी जासूसी की जा रही है। इसमें आश्चर्य की बात ये है कि, जो अधिकारी जासूसी कर रहे हैं, वो खुद राहुल को क्यों बताएंगे कि आपकी जासूसी की जा रही है ? वहीं, पेगासस मामले पर सुप्रीम कोर्ट की कमिटी ने 29 मोबाइल की जांच की थी, जिसमे से एक में भी पेगासस नहीं निकला था। हालाँकि, राहुल ने अपना मोबाइल जांच के लिए नहीं दिया था। ऐसे में ये भी सवाल उठता है कि, यदि उनके मोबाइल में पेगासस था, तो उन्होंने अपने फोन की जाँच क्यों नहीं करवाई ? और जब सुप्रीम कोर्ट की समिति को पेगासस नहीं मिला, तो फिर उन्होंने विदेश जाकर भारत सरकार पर बेबुनियाद आरोप क्यों लगाए ?
3- लोकतंत्र मर रहा, ब्रिटेन-अमेरिका क्यों चुप:-
ब्रिटेन में ही राहुल गांधी ने कहा था कि, भारत में लोकतंत्र मर रहा है और इसकी रक्षा का दावा करने वाले ब्रिटेन-अमेरिका चुपचाप देख रहे हैं। इस पर विरोधी पक्ष का कहना था कि, यदि राहुल गांधी को भारत में लोकतंत्र खतरे में नज़र आ रहा था, तो इसके लिए वे न्यायालय का रुख कर सकते थे। जिस देश ने कभी भारत को गुलाम बनाया था, राहुल गांधी उनसे भारत के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने की अपील क्यों कर रहे हैं ?
4- मैंने आतंकवादी को देखा:-
जम्मू कश्मीर में भारतीय सेना और पुलिस लगातार आतंकवाद का सफाया करने में लगी हुई है, ताकि धरती के स्वर्ग में एक बार फिर अमन-शांति स्थापित हो सके। ब्रिटेन में भारत जोड़ो यात्रा का किस्सा सुनाते हुए राहुल गांधी ने कहा था कि, जम्मू कश्मीर में मैंने आतंकवादी को देखा और उसने मुझे देखा, लेकिन उसने मुझे कुछ नहीं किया। राहुल के इस बयान पर जमकर बवाल मचा था, और विरोधियों की तरफ से कहा गया था कि, यदि राहुल ने आतंकियों को देखा था, तो सुरक्षाबलों को इस बारे में क्यों नहीं बताया, जो अपनी जान जोखिम में डालकर आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं ?
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