नई दिल्ली: मुंबई हवाई अड्डे को लेकर लोकसभा में कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गाँधी द्वारा किया गया दावा झूठा साबित हुआ है। जीवीके समूह (GVK group) के वाइस चेयरमैन जीवी संजय रेड्डी ने कहा है कि मुंबई हवाई अड्डे को बेचने के लिए अडानी समूह (Adani Group) या किसी अन्य के ओर से किसी तरह का दबाव नहीं था। दरअसल, मंगलवार (7 फरवरी) को लोकसभा में कांग्रेस सांसद राहुल गाँधी ने आरोप लगाते हुए कहा था कि मोदी सरकार ने GVK ग्रुप पर दबाव डालकर मुंबई एयरपोर्ट को हाइजेक कर अडानी ग्रुप को दिलवा दिया।
राहुल गांधी के आरोपों का जवाब जीवी संजय रेड्डी ने उसी दिन एक इंटरव्यू में दे दिया था। उन्होंने एयरपोर्ट बेचने को लेकर अडानी समूह या किसी अन्य की तरफ से दबाव की बात से साफ इनकार किया। एयरपोर्ट बेचे जाने के कारणों को लेकर उन्होंने कहा कि GVK ग्रुप 10 वर्ष पूर्व लिए गए कर्ज के निपटारे के लिए फंडराइजिंग पर विचार कर रही थी। बेंगलुरु एयरपोर्ट लेने के बाद कर्ज से निजात पाने के लिए जीवी संजय कई इनवेस्टर्स के साथ अनुबंध करने की सोची। इनवेस्टर्स डील में अपनी शर्तें थोप रहे थे। इस बीच कोरोना महामारी फैली और कई माह तक हवाई अड्डा बंद रहा। इससे कंपनी को नुकसान झेलना पड़ा।
जीवी संजय ने आगे बताया कि ऐसी परिस्थितियों में गौतम अडानी मिले और मुंबई हवाई अड्डा खरीदने में दिलचस्पी दिखाई। अडानी ने कहा कि वे एक माह में रुपए चुका देंगे। इसके लिए कोई उन्होंने अतिरिक्त शर्त भी नहीं लगाई। संजय ने बताया कि हमारे लिए यह सौदा बेहद जरूरी था, किन्तु हम पर CBI या ED जैसी एजेंसियों का किसी तरह का कोई दबाव नहीं था। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह सौदा इसलिए हुआ, क्योंकि GVK ग्रुप को इसकी आवश्यकता थी।
बता दें कि मंगलवार (7 फरवरी) को राहुल गांधी ने निचले सदन में अडानी-हिंडनबर्ग मुद्दे को लेकर जमकर हमला बोला था। इस दौरान राहुल गांधी ने आरोप लगाया था कि सरकार ने अडानी समूह के फायदे के लिए नियमों को नज़रअंदाज़ किया। राहुल ने आरोप लगाया कि अडानी ग्रुप को बिना किसी अनुभव के 6 हवाई अड्डे के प्रबंधन का कार्य सौंप दिया गया। उसके बाद भारत के सबसे महत्वपूर्ण एयरपोर्ट में से एक मुंबई एयरपोर्ट को CBI और ED का उपयोग कर के जीवीके ग्रुप से छीन लिया गया और अडानी को दे दिया गया।
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