'अग्निवीर' पर राहुल गांधी का दावा सच या झूठ ? शहीद के परिजनों ने बताई पूरी बात, Video

'अग्निवीर' पर राहुल गांधी का दावा सच या झूठ ? शहीद के परिजनों ने बताई पूरी बात, Video
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नई दिल्ली: लोकसभा में कांग्रेस सांसद और विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने सदन में अग्निवीर योजना पर सवाल खड़ा करते हुए कई तरह के दावे किए थे। राहुल ने कहा था कि अग्निवीर सिर्फ यूज एंड थ्रो वाले मजदूर की तरह  होते हैं। पहली बार सदन में विपक्ष के नेता बने राहुल गांधी ने दावा किया था कि अग्निवीरों को ना तो शहीद का दर्जा मिलता है और न ही शहीद होने पर उनके परिवार को कोई मुआवजा दिया जाता है। 

 

राहुल के इस दावे के बाद केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सदन को अग्निवीर योजना के बारे में बताया और राहुल गांधी के झूठ का पर्दाफाश किया। रक्षा मंत्री ने कहा कि, राहुल गाँधी को गलत बयान देकर सदन को गुमराह करने का प्रयास नहीं करना चाहिए। हमारी सीमाओं की रक्षा करते हुए या युद्ध के दौरान अपने प्राणों का बलिदान देने वाले अग्निवीर के परिवार को एक करोड़ रुपये की आर्थिक मदद दी जाती है। रक्षा मंत्री ने कहा कि, मैं लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष से विनम्रतापूर्वक अनुरोध करना चाहता हूँ कि कृपया वो संसद को गुमराह करने का प्रयास न करें। अग्निवीर योजना के संबंध में बहुत सारे लोगों से, 158 संस्थाओं से सुझाव लिए गए, तब यह अग्निवीर योजना बनाई गई है। काफी सोच समझकर यह योजना लाई गई है। ऐसे में बिना अग्निवीर योजना के संबंध में समझे, इस तरीके से सदन और जनता को गुमराह करना, इसे कदापि उचित नहीं ठहराया जान चाहिए। 

राजनाथ सिंह ने राहुल गाँधी की इस हरकत के लिए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से अनुरोध किया कि वह ऐसा झूठ फैलाने के लिए राहुल गाँधी को सदन से बाहर करें। वहीं गृह मंत्री अमित शाह ने भी कहा कि सदन झूठ बोलने का स्थान नहीं है, यहाँ तथ्य रखे जाने चाहिए। अमित शाह ने कहा कि, अगर नेता प्रतिपक्ष अपने बयान को साबित नहीं कर सकते, तो उन्हें माफी माँगनी चाहिए। 

 

वही, भाजपा नेता अमित मालवीय ने भी अपने ट्विटर हैंडल पर एक न्यूज़ चैनल का वीडियो शेयर किया है। जिसमे शहीद अग्निवीर के परिजन खुद कह रहे हैं कि, उन्हें सरकार की तरफ से एक करोड़ दस लाख रूपए मुआवज़े के रूप में मिले हैं। जबकि, राहुल गांधी ने विपक्ष के नेता के जिम्मेदार पद पर होते हुए सदन में ये झूठा दावा किया था कि, अग्निवीरों को शहीद होने पर कुछ नहीं दिया जाता। बता दें कि अग्निवीर योजना को बदनाम शुरु से ही किया जा रहा है। प्रतिबंधित आतंकी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ़ इंडिया (PFI) भी अग्निवीर योजना को RSS की योजना बता चुका है, वहीं राहुल गांधी भी लोकसभा में यही बात बोल चुके हैं कि अग्निवीर RSS की योजना है। अब इन दोनों में क्या संबंध है, ये जांच का विषय है। 

 

हालाँकि, अब भी सदन में इस योजना पर झूठ फैलाया जा रहा है, जबकि युवा वर्ग बढ़-चढ़कर इसमें इससे ले रहा है। बता दें कि इस योजना के तहत सेना में शामिल अग्निवीर यदि बलिदान होते हैं, तो उन्हें अंतिम विदाई दी जाती है। अग्निवीर की सेवा शर्तों के अनुसार, युद्ध में वीरगति को प्राप्त होने पर परिवार वालों को इंश्योरेंस (नॉन कॉन्ट्रिब्यूटरी) के 48 लाख रुपए, अग्निवीर द्वारा जमा सेवा निधि (30 पर्सेंट) और इतना ही पैसा सरकार द्वारा दिया जाता है। वहीं एक्स ग्रेशिया के तौर पर 44 लाख रुपए, शेष बचे कार्यकाल का वेतन (चार साल कुल कार्यकाल) दिया जाता है। साथ ही आर्म्ड फोर्सेस बैटल कैजुअल्टी फंड से 8 लाख रुपए और AWWA की तरफ से तत्काल सहायता के रूप में 30 हजार रुपए दिए जाते हैं। बता दें कि यही सेवाएँ हर सामान्य सैनिक के लिए होती हैं। ये तथ्य साफ़ बताते हैं कि, राहुल गांधी ने नेता प्रतिपक्ष के जिम्मेदार पद पर रहते हुए सदन में गलत दावा किया है और भ्रम फैलाने की कोशिश की है ।

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