'विपक्षी गठबंधन की लड़ाई भारतीय राज्य के साथ..', राहुल गांधी ने बताया I.N.D.I.A. गठबंधन का लक्ष्य

'विपक्षी गठबंधन की लड़ाई भारतीय राज्य के साथ..', राहुल गांधी ने बताया I.N.D.I.A. गठबंधन का लक्ष्य
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 नई दिल्ली: रविवार को, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक महत्वपूर्ण घोषणा की, जिसमें उन्होंने खुलासा किया कि कांग्रेस के नेतृत्व वाले विपक्षी दलों वाला I.N.D.I.A. गठबंधन, आगामी चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से लड़ने की तैयारी नहीं कर रहा है, बल्कि "भारतीय राज्य" से लड़ने की तैयारी कर रहा है।

 

दिल्ली में एक मीडिया कार्यक्रम में बोलते हुए, राहुल गांधी ने कहा, "अब हम एक राजनीतिक पार्टी से नहीं लड़ रहे हैं, हम भारतीय राज्य से लड़ रहे हैं..." इसके बाद उन्होंने अपनी बात को घुमाते हुए कहा कि, विपक्षी गठबंधन  'भारत के विचार' को सुरक्षित रखने के लिए लड़ रहा है। उन्होंने कहा कि, ''जाओ और भारत के किसी भी व्यवसायी से पूछो कि अगर वे किसी विपक्षी दल का समर्थन करते हैं तो उनका क्या होता है। यदि उन्हें किसी विपक्षी दल के लिए चेक लिखना हो, तो उनसे पूछें कि उनका क्या होता है। इसलिए हम वित्तीय हमले, मीडिया हमले का सामना कर रहे हैं और हम बहुत अच्छा कर रहे हैं। हम अब एक राजनीतिक दल से नहीं लड़ रहे हैं, हम भारतीय राज्य से लड़ रहे हैं और हम भारत के विचार की रक्षा के लिए लड़ रहे हैं। और इसीलिए हमने अपना नाम India रखा है।' राहुल के इस बयान का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल है,  जिसपर लोग कमेंट कर रहे हैं कि, क्या राहुल इसलिए अंबानी-अडानी पर हमला करते रहते हैं, क्योंकि वे उद्योगपति कांग्रेस को चंदा नहीं देते ? वहीं, कुछ लोग राहुल द्वारा भारतीय राज्य से लड़ने वाली बात पर भी आपत्ति जता रहे हैं। 

बता दें कि, यह बयान पहली बार नहीं है जब राहुल गांधी ने भारत के बारे में विवादित टिप्पणी की हो। अतीत में, उन्होंने एक ''राष्ट्र'' के रूप में भारत के विचार को चुनौती देते हुए इस बात पर जोर दिया था कि संविधान में भारत को राज्यों के संघ के रूप में वर्णित किया गया है, न कि एक राष्ट्र के रूप में। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत की कोई एक ''राष्ट्रीय पहचान'' नहीं है, बल्कि भारत का विचार प्रांतीय इकाइयों के बीच एक समझौते या बातचीत से उत्पन्न हुआ है। राहुल ने अपने ब्रिटेन दौरे पर भी कैंब्रिज यूनिवर्सिटी में भारत को एक राष्ट्र मानने से इंकार किया था और कहा था कि, भारत केवल एक राज्यों का संघ है। उस समय उन्हें भारतीय सिविल सेवा अधिकारी सिद्धार्थ वर्मा ने संविधान की प्रस्तावना समझाई थी, जिसमे लिखा है कि, भारत एक राष्ट्र है। लेकिन, राहुल बार-बार वो विवादित दावा दोहराते रहते हैं, क्या वो ये चाहते हैं कि, भारत में लोग अलग-अलग देश की मांग करना शुरू कर दें ? 

 

क्योंकि, राहुल का ये दावा उन वामपंथियों और भारत विरोधियों के दावे को मजबूत करता प्रतीत होता है, जो कहते हैं कि, भारत का जन्म 1947 में ही हुआ है, उससे पहले भारत का कोई अस्तित्व नहीं था, केवल राज्य थे। यदि इनकी बातों को एक बार सच भी माना जाए, तो फिर एलेक्सेंडर से लेकर, शक, हूण, मुगलों ने क्या किसी राज्य पर आक्रमण किया था या भारत देश पर ? अंग्रेज़ों ने किस राज्य को गुलाम बनाया था ? क्या उन्होंने भारत पर शासन नहीं किया था ? आज़ादी से पहले जो हज़ारों स्वतंत्रता सेनानियों ने 'भारत माता की जय' के नारे लगाकर अपने प्राण न्यौछावर कर दिए, क्या वे किसी राज्य की जयकार कर रहे थे या भारत राष्ट्र की? 

वहीं, राहुल का भरत को एक राष्ट्र न मानने वाला बयान देश तोड़ने वाले उन लोगों का भी समर्थन करता है, जो अलग से तमिल देश, खालिस्तान, या फिर प्रान्त और भाषा के नाम पर भारत में अलग देश की मांग करते रहते हैं। कश्मीर से कन्याकुमारी और गुजरात से बंगाल की खाड़ी तक, भारत एक राष्ट्र है, यहाँ की विविध संस्कृति, भाषा, परम्पराएं इस देश का सौंदर्य हैं, लेकिन इस विविधता का मतलब ये नहीं कि, भारत टुकड़ों में बंटा हुआ है और केंद्र सरकार नाम की ताकत केवल 'बातचीत' के जरिए उन सभी टुकड़ों को जोड़कर चल रही है। 

बता दें कि, राहुल गांधी की हालिया टिप्पणियाँ 2024 के आम चुनावों में भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) को सत्ता से उखाड़ फेंखने के लिए 26 विपक्षी दलों को मिलाकर एक बनाए गए गठबंधन के संदर्भ में आई हैं। भारतीय राष्ट्रीय विकासात्मक समावेशी गठबंधन ( I.N.D.I.A.) के नाम से जाने जाने वाले इस गठबंधन में दो राष्ट्रीय और 24 क्षेत्रीय दल शामिल हैं, जिनमें कुल 142 लोकसभा सांसद हैं, जिनमें सात अलग-अलग राज्यों के मुख्यमंत्रियों के नेतृत्व वाली पार्टियां शामिल हैं। हालाँकि, भाजपा या NDA से लड़ाई एक अलग विषय है, वो राजनितिक प्रतिस्पर्धा है, लेकिन राहुल जिस देश के संभावित प्रधानमंत्री उम्मीदवार हैं, उनसे यह उम्मीद नहीं की जा सकती कि वो भारत को एक राष्ट्र मानने से ही इंकार कर दें। 

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