नई दिल्ली: कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने आज यानि 15 जनवरी को पार्टी के नए कार्यालय का उद्घाटन कर दिया है। इतना ही नहीं इस कार्यक्रम में कांग्रेस और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने RSS प्रमुख मोहन भागवत को टारगेट कर दिया है। उन्होंने इस बारें में बोला है कि मोहन भागवत ने संविधान पर अटैक कर दिया है। यह देशद्रोह और संविधान के अपनाम से बिलकुल भी कम नहीं है।
राहुल गांधी ने इस बारें में बोला है कि कल मोहन भागवत ने बोला कि संविधान हमारी स्वतंत्रता का प्रतीक बिलकुल भी नहीं है। लेकिन इसके पश्चात भी कश्मीर, पूर्वोत्तर, पंजाब में हमारे हजारों कार्यकर्ता की मौत हो चुकी है। लेकिन कांग्रेस फिर भी कुछ खास मूल्यों के लिए रुकी रही है। हम इस इमारत में उन मूल्यों को भी देख पाएंगे हैं। उन्होंने इस बारें में बोला है कि पश्चिमी दुनिया स्वयं से बाहर पर ध्यान केंद्रित करके रखती है, जबकि भारतीय सोच का तरीका स्वयं को समझने के बारें में ही हो सकता है। इंडिया में भी स्वयं के बारे में दो दृष्टिकोण हैं, जो चुनौती है। एक हमारा संविधान का विचार और दूसरा RSS का विचार भी है।
उन्होंने अपनी बात को जारी रखते हुए कहा है कि मोहन भागवत हर 2-3 दिन में देश को यह बताते हैं कि वे स्वतंत्रता आंदोलन और संविधान के बारे में क्या सोच रहें है? कल उन्होंने जो बोला है वह देशद्रोह है। भागवत ने बोला है कि संविधान अमान्य है और अंग्रेजों के विरुद्ध लड़ाई अमान्य थी। इंडिया में उन्हें सार्वजनिक रूप से यह बोलने की हिम्मत बिलकुल भी नहीं है। किसी अन्य देश में यदि वह वे ऐसा कहते तो उन्हें गिरफ्तार कर लेते है और उन पर मुकदमा भी चलाया जा रहा है। यह बोलना है कि इंडिया को 1947 में आजादी नहीं मिली हर इंडियन के अपमान के बराबर है। अब समय आ गया है कि हम इस बकवास को सुनना बंद करें, क्योंकि ये लोग सोचते हैं कि वे बस रटते रहेंगे और चिल्लाते रहने वाले है।
राहुल गांधी ने केंद्र को टारगेट करते हुए बोला है कि 'आज जो लोग सत्ता में हैं, वे तिरंगे को सलाम नहीं करते, राष्ट्रीय ध्वज को नहीं मानते, संविधान को नहीं मानते और भारत के बारे में उनका नजरिया हमसे बिल्कुल अलग है। अपनी बात को जारी रखते हुए उन्होंने कहा है कि 'वे चाहते हैं कि भारत को एक छायादार, छिपा हुआ और गुप्त समाज चलाए। वे चाहते हैं कि भारत को एक आदमी द्वारा चलाया जाए और वे इस देश की आवाज को कुचलना चाहते हैं।'
We are inaugurating our new headquarters at a very significant time. It's quite symbolic that yesterday, in a speech, the chief of the RSS said that India never achieved true independence in 1947, but rather when the Ram Mandir was built.
— Congress (@INCIndia) January 15, 2025
This building is not an ordinary one. It… pic.twitter.com/UmPkxkyYnd
इस बारें में उन्होंने अपनी बात को जारी रखते हुए बोला है कि 'वह दलितों, अल्पसंख्यकों, पिछड़ी जातियों और आदिवासियों की आवाज को बंद करना चाहते हैं। यह उनका एजेंडा है और मैं कहना चाहूंगा कि इस देश में कोई भी दूसरी पार्टी नहीं है जो उन्हें रोक सके।' अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए राहुल गाँधी ने कहा है कि 'उन्हें रोकने वाली एकमात्र पार्टी कांग्रेस है। इसका कारण यह है कि हम एक वैचारिक पार्टी हैं और हमारी विचारधारा कल नहीं उभरी है। हमारी विचारधारा आरएसएस की तरह हजारों साल पुरानी है और हम हजारों सालों से आरएसएस की विचारधारा से लड़ रहे हैं।'