लखनऊ: लोकसभा में जातीय जनगणना के मुद्दे पर जिस प्रकार से राहुल गांधी-अखिलेश यादव की भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर से बहस हुई उसको लेकर अब बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती की प्रतिक्रिया आई है. उन्होंने संसद में इन नेताओं की तकरार को नाटकबाजी बताते हुए कहा कि आरक्षण को लेकर इनकी पार्टियों का इतिहास घोर ओबीसी-विरोधी रहा है. इन पर भरोसा करना ठीक नहीं है.
मायावती ने X पर लिखा- कल संसद में विशेषकर जाति व जातीय जनगणना को लेकर कांग्रेस व भाजपा आदि में जारी तकरार नाटकबाजी तथा ओबीसी समाज को छलने का प्रयास था, क्योंकि इनके आरक्षण को लेकर दोनों ही पार्टियों का इतिहास खुलेआम व पर्दे के पीछे भी घोर OBC-विरोधी रहा है. ऐसे में इन पर भरोसा करना ठीक नहीं. आगे मायावती ने कहा कि बहुजन समाज पार्टी के प्रयासों से यहां लागू हुई OBC आरक्षण की भांति ही राष्ट्रीय जातीय जनगणना जनहित का एक ख़ास राष्ट्रीय मुद्दा, जिसके प्रति केंद्र को गंभीर होना आवश्यक है. देश के विकास में करोड़ों ग़रीबों-पिछड़ों व बहुजनों का भी हक, जिसकी पूर्ति में जातीय जनगणना की अहम भूमिका है.
दरअसल, संसद में विपक्ष निरंतर जातीय जनगणना की मांग कर रहा है. इसको लेकर भारतीय जनता पार्टी की तरफ से हमीरपुर के सांसद अनुराग ठाकुर ने नेता विपक्ष राहुल गांधी को टारगेट करते हुए टिप्पणी की थी. उन्होंने कहा था कि ये देश में जातीय जनगणना की मांग कर रहे हैं, मगर इनकी खुद की जाति का पता नहीं है. अनुराग ठाकुर के इस बयान को लेकर विपक्ष की तरफ से जबरदस्त विरोध किया गया. माफी की भी मांग की गई. हालांकि, राहुल गांधी ने कहा कि उन्हें अनुराग ठाकुर से माफी नहीं चाहिए, मगर जातीय जनगणना होकर रहेगी. लेकिन अनुराग ठाकुर के बयान को लेकर समाजवादी पार्टी मुखिया अखिलेश यादव काफी मुखर दिखाई दिए. उन्होंने गुस्से में संसद में कहा कि वो (अनुराग ठाकुर) किसी की जाति नहीं पूछ सकते. तत्पश्चात, सदन में जमकर हंगामा हुआ.
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