नई दिल्लीः बेशक रेलवे की सेवाओं में सुधार हुआ है. इस कारण रेलवे को बढ़ते घाटे से उबारने के लिए रेल यात्रियों की सुरक्षा के नाम पर रेल मंत्री सुरेश प्रभु रेल किराए पर सेस लगाने का विचार कर रहे हैं. यदि यह लागू हो गया तो यात्रियों पर खर्च का अतिरिक्त कार्यभार आ जाएगा.
गौरतलब है कि , रेल मंत्रालय को सुरक्षा निधि के लिए 1 लाख 20 हजार करोड़ की ज़रूरत है जबकि, वित्त मंत्रालय ने इस निधि का सिर्फ 25 फीसदी रुपए ही देने की बात की है. बाकी राशि के लिए रेलवे किराया बढ़ाने की बजाय सेफ्टी सेस लगाने की तैयारी में है जो कि राष्ट्रीय रेल संरक्षण कोष में जमा होगा.
बता दें कि रेलवे में गति और सुरक्षा के लिए रेलवे को रुपयों की जरूरत है.चूँकि वित्त मंत्रालय केवल 25 प्रतिशत ही फंड देने को तैयार हुआ है. इसलिए बाकी के फंड को जुटाने के लिए किराया बढ़ाने के अलावा कोई दूसरा चारा नहीं हैं.माना जा रहा है कि स्लीपर, सैकेंड क्लास और एसी 3 पर सेफ्टी सेस ज्यादा लगाया जा सकता है, तो वहीं, एसी 1 और एसी 2 पर यह मामूली रूप से लगाया जा सकता है लेकिन, इस सेस का असर स्लीपर श्रेणी में सफर करने वाले रेल मुसाफिरों पर ज्यादा पड़ेगा .
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