नई दिल्ली: केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल ने नौ राज्यों के मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखकर उनसे ‘डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर’ (DFC) परियोजना में अड़चनों को दूर करने का अनुरोध करते हुए कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी परियोजना पर करीब से नज़र रख रहे हैं। गोयल ने नौ मुख्यमंत्रियों को लिखे पत्र में भूमि संबंधी मुद्दों, ग्रामीणों की मांगों और राज्य के अधिकारियों द्वारा धीमी गति से कार्य करने का मुद्दा उठाया, जिनसे 81,000 करोड़ रुपये की डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर परियोजना के कार्य पर बुरा असर पड़ा है।
पियूष गोयल ने मुख्यमंत्रियों से इस मामले में दखल देने का आग्रह किया है। प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) द्वारा उठाई गई चिंताओं के बाद गोयल ने गुजरात, उत्तर प्रदेश, बिहार, पंजाब, पश्चिम बंगाल, हरियाणा, राजस्थान, महाराष्ट्र और झारखंड के मुख्यमंत्रियों को लिखे गए पत्रों में कहा कि कैसे डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर काफी समय से लंबित मुद्दा बना हुआ है जिसका अभी तक निराकरण नहीं हुआ है।
रेलवे बोर्ड के प्रमुख वी के यादव के मुताबिक, वर्तमान में दो डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर का निर्माण कार्य जारी हैं- पश्चिमी डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (WDFC) जो उत्तर प्रदेश से मुंबई तक और पूर्वी डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (EDFC) जो पंजाब के लुधियाना से पश्चिम बंगाल के दानकुनी को जोड़ता है। इन गलियारों का कार्य दिसंबर 2021 तक पूरा किया जाना था, किन्तु अब इस तिथि को छह महीने आगे यानी जून 2022 तक बढ़ा दिया गया है। उन्होंने बताया कि कोरोना वायरस महामारी की वजह से काम में व्यवधान के कारण देरी हुई।
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