नई दिल्ली: भारत में जब से जीएसटी लागू किया गया है। तभी से सरकार द्वारा प्राय: सभी पर नजर रखी जा रही है। हाल में भारतीय रेलवे और वस्तु एवं सेवाकर जीएसटी विभाग की कार्यशैली के कारण कारोबारी रेलवे के रास्ते अब जीएसटी में सेंधमारी कर रहे हैं। यहां बता दें कि इस तरह से हो रही सेंधमारी से बड़े पैमाने पर राजस्व की क्षति हो रही है।
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जानकारी के अनुसार बता दें कि जब जुलाई 2017 में जीएसटी लागू हुआ तब माना जा रहा था कि ऑनलाइन व्यवस्था होने से सबकुछ पारदर्शी होगा, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया है। वहीं अब तक जीएसटी का सिस्टम दुरुस्त नहीं होने की वजह से ई-वे बिल भी लागू नहीं हो पाया। यहां बता दें कि विभाग को जुलाई से सितंबर 2017 तक चेकिंग-इंस्पेक्शन की मनाही थी और इसी बीच कुछ कारोबारियों द्वारा फर्जी बिल बनाकर करोड़ों रुपये का फर्जीवाड़ा किया है।
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गौरतलब है कि जीएसटी के लागू होने के बाद से अब तक कई लोगों ने इसका गलत फायदा भी उठाया है। जिससे सरकार को भारी नुकसान हुआ है। जहां तक आर्थिक स्थिति को देखा जाए तो देश में जीएसटी लागू करने का यही उद्देश्य था कि लोगों द्वारा कर को समय पर भरा जाए साथ ही इसका पर्दाफाश तब हुआ जब इनपुट टैक्स क्रेडिट भुगतान का दावा किया गया। इसके बावजूद ई-वे बिल अप्रैल 2018 से लागू हुआ तो विभाग भी सक्रिय हो गया।
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