चूहे अगर ज्यादा हो जाये तो नाक में दम करके रख देते है। उनसे पीछा छुड़ाना फिर बहुत मुश्किल हो जाता है। आपने भी बचपन में वो कहानी सुनी होगी ना 'The Pied Piper of Hamelin' जिसमे बहुत से चूहे हो जाते है और लोगों का जीना हराम कर देते हैं। तब एक बासुरी वादक को बुलाया जाता है वो सब चूहों को नदी में छोड़ देता है। ऐसा ही एक कांट्रेक्टर है जो कि चूहों से बहुत परेशान है।
दरअसल, रेलवे ने ब्रिटिशकालीन चारबाग रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म्स के सैंकड़ों मोटे-मोटे चूहों से परेशान हो कर उन्हें मारने की सुपारी दे दी। अब चूहों की सुपारी कौन देता है। सीनियर डिवीज़नल कमर्शियल मैनेजर ए.के. सिन्हा ने कहा सरकारी फाइलों और लोगों के सामान को भरी नुक्सान पहुंच रहा हैं। इसलिए उन्होंने चूहों को मारने की सुपारी एक निजी कंपनी को दी जो कि 4.76 लाख रुपये है।
चूहे को मारने वाली टीम हर इमारत,प्लेटफार्म और आस पास के इलाकों को कवर करेगी जिसमे बहुत खर्चा आएगा। अधिकारी ने कहा कि इन्हें चूहों के कारण प्लेटफार्म के दूकानदारो को दस लाख रूपए तक का नुकसान उठाना पड़ा था इसलिए ये कदम उठाना पड़ रहा है।
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