कोरोना वायरस ने भारतीय उघोग जगत को बहुत नुकसान पहुंचाया है. साथ ही, वायरस की वजह से रेल यातायात के साथ रेल कारखानों में उत्पादन भी लगभग ठप पड़ गया है. रेलवे की कोच और इंजन बनाने वाली ज्यादातर इकाइयों ने न्यूनतम आवश्यक उत्पादन गतिविधियों को छोड़ फिलहाल उत्पादन बंद करने का फैसला किया है.
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आपकी जानकारी के लिए बता दे कि रेलवे की विभिन्न उत्पादन इकाइयों ने उत्पादन बंद करने का एलान कर दिया है. इनमें कपूरथला कोच फैक्ट्री- कपूरथला, इंटीग्रल कोच फैक्ट्री-चेन्नई, डीजल इंजन कारखाना-वाराणसी तथा चितरंजन लोकोमोटिव वर्क्स-चितरंजन प्रमुख हैं. रेलवे वर्कशॉप्स भी लगभग बंद हो गई हैं और इक्का-दुक्का लोग ही काम पर बुलाए जा रहे हैं. रोबोट से कोच निर्माण होने के कारण केवल रायबरेली की मॉडर्न कोच फैक्ट्री में कुछ हद तक उत्पादन करना संभव हो पा रहा है.
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वायरस की मार की वजह से कोच इंजन के अलावा बेंगलुरु और बेला (बिहार) की ह्वील कारखानों भी रुक गए हैं. कुल मिलाकर रेलवे के आठ सरकारी उत्पादन कारखाने ठप हो गए हैं. इससे चालू वर्ष में इन कारखानों में रिकार्ड उत्पादन के मंसूबों को झटका लगा है. अच्छी बात यह है कि ज्यादातर कारखाने पहले ही साल का लक्ष्य लगभग प्राप्त कर चुके हैं. सरकारी रेल कारखानों के अलावा संयुक्त उद्यम वाले मधेपुरा इलेक्टि्रक व मढ़ौरा डीजल इंजन कारखाने में भी कामकाज ठप पड़ने की खबरें हैं.
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