भारतीय रेलवे निजीकरण की दिशा में अपने कदम बढ़ा दिए है. रेलवे ने 109 रूट के लिए निजी कंपनियों से आवेदन मांगा है. जिसके तहत 151 मॉडर्न ट्रेन का निर्माण किया जाना है. इस परियोजना में निजी क्षेत्र का निवेश 30 हजार करोड़ रुपये का होगा. मालूम हो कि पिछले साल IRCTC ने देश की पहली निजी ट्रेन लखनऊ-दिल्ली तेजस एक्सप्रेस शुरू की थी. इस खबर के बाद BSE पर रेलवे से संबद्ध स्टॉक उछाल के साथ बंद हुए. IRCTC 3.56% अंक के उछाल के साथ बंद हुआ. IRCON International Ltd 3.85% अंक मजबूती के साथ बंद हुआ. वहीं, TITAGARH WAGONS LTD 4.95% और TEXMACO RAIL & ENGINEERING LTD 12.86% उछाल के साथ बंद हुए.
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इसके अलावा प्राइवेट ट्रेनों की बात करें तो फिलहाल आईआरसीटीसी तीन ट्रेनों- वाराणसी-इंदौर मार्ग पर काशी-महाकाल एक्सप्रेस, लखनऊ-नयी दिल्ली तेजस और अहमदाबाद-मुंबई तेजस का परिचालन करता है. बता दें कि पूरे देश के रेलवे नेटवर्क को 12 क्लस्टर में बांटा गया है और इन्हीं 12 क्लस्टर में 109 जोड़ी प्राइवेट ट्रेनें चलेंगी. हर ट्रेन कम से कम 16 डिब्बे होंगे और यह ट्रेन अधिकतम 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलेंगी. ट्रेनों का रोलिंग स्टॉक निजी कंपनी खरीदेगी साथ ही मेंटेनेंस भी वही देखेगी रेलवे सिर्फ ड्राइवर और गार्ड देगा.
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अपने बयान में रेलवे ने कहा कि , 'इस पहल का मकसद आधुनिक प्रौद्योगिकी वाली ट्रेन का परिचालन है जिसमें रखरखाव कम हो और यात्रा समय में कमी आये. इससे रोजगार सृजन को बढ़ावा मिलेगा, सुरक्षा बेहतर होगी और यात्रियों को वैश्विक स्तर का यात्रा अनुभव मिलेगा.'वही, निजी इकाइयों द्वारा संचालित ट्रेनें समय पर संचालित होने और पहुंचने, भरोसेमंद जैसे प्रमुख मानकों को पूरा करेंगे. उसने कहा कि यात्री ट्रेनों का परिचालन और रखरखाव का संचालन रेलवे द्वारा तय मानदंडों और जरूरतों के अनुसार होंगे. कुछ मार्गों को निजी इकाइयों को देने की प्रक्रिया दो चरणों में पूरी होगी. पहली प्रक्रिया पात्रता अनुरोध के साथ बुधवार को शुरू हुई.
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