नई दिल्ली: दिल्ली हिंसा में अपने सिर के ऊपर की छत खो चुके पीड़ितों पर प्रकृति भी कहर बरपा रहा है. गुरुवार और शुक्रवार को हुई बारिश ने राहत शिविरों में पनाह लिए हिंसा पीड़ितों की समस्या कई गुना बढ़ा दी है. दिल्ली के मुस्तफाबाद में राहत शिविरों के भीतर बारिश का पानी भर गया. इसने दिल्ली की आप सरकार की बदइंतजामी की भी पोल खोल दी है. इससे पहले पीड़ितों ने पहले दंगे का दंश झेला और अब बारिश की समस्या से जूझ रहे हैं.
मुस्तफाबाद के शिविरों में पहले से ही काफी अधिक संख्या में हिंसा प्रभावित लोग शरण लिए हुए थे, जिनकी जिंदगी को बारिश ने और दूभर बना दिया है. राहत कैंपों के भीतर बारिश का पानी आने से दंगा पीड़ित न बैठ पा रहे हैं और न ही सो पा रहे हैं. दिल्ली हिंसा के दौरान उपद्रवियों ने इन लोगों के घरों को आग लगा दी थी. इसके बाद से ये लोग विवश होकर मुस्तफाबाद के राहत शिविरों में शरण लिए हुए हैं.
दिल्ली सरकार ने हिंसा पीड़ितों के लिए मुस्तफाबाद में राहत शिविर बनवाए हैं. ये राहत शिविर कपड़े के टेंट के बने हुए, जो पूरी तरह से वाटरप्रूफ नहीं हैं. लिहाजा गुरुवार रात और शुक्रवार को हुई बारिश का पानी शिविरों के भीतर चला गया. कई टेंटों की छत से भी पानी टपक रहा है. इसके चलते हिंसा पीड़ितों के कपड़े और सामान भी गीले हो गए हैं.
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