बीते दिनों उत्तर प्रदेश के मौसम ने एक दम से ही रंग बदल लिया जंहा बागपत जनपद में 2 दिन से रुक-रुक कर हो रही बारिश और 25 किमी प्रति घंटा की रफ्तार की हवा ने आम जन जीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया है. वहीं इन 2 दिन में जिले में 18 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई है. इसने किसानों के माथे पर भी चिंता की लकीरें खींच दी है. जंहा यह भी कहा जा रहा है कि वहीं कृषि वैज्ञानिकों ने सरसों, अगेती गेहूं और आलू की फसल के लिए इस बारिश को नुकसानदायक बताया है. वहीं मौसम वैज्ञानिकों ने अगले दो दिन भी मौसम के खराब रहने का अनुमान जताया है.
मिली जानकारी के अनुसार मौसम के बिगड़े मिजाज ने लोगों की मुश्किल को और भी बढ़ा दिया है. जंहा बीते गुरूवार यानी 5 मार्च 2020 की देर रात तक बारिश होती रही. वहीं शुक्रवार सुबह बारिश हुई, इसके बाद तेज धूप खिल गई. दोपहर से शाम तक 25 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से हवा चली. इस कारण लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा. शाम 4 बजे तेज बारिश शुरू हो गई, जो देर रात तक होती रही. बारिश से जगह-जगह जलभराव हुआ. जंहा यह भी कहा जा रहा है कि वहीं तौल केंद्रों पर जलभराव के कारण तौल नहीं हो सकी. चीनी मिलों में नो केन की स्थिति हो सकती है. कृषि विज्ञान केंद्र खेकड़ा के कृषि वैज्ञानिक डॉ. संदीप चौधरी का कहना है कि सरसों, गेहूं की अगेती फसल और आलू को भी नुकसान होगा. अगर बारिश और ओलावृष्टि जारी रहेगी तो किसानों को अधिक नुकसान होगा.
कंबलों में लिपटे लोग: तेज हवा और बारिश के कारण शुक्रवार को ठंड बढ़ गई. लोगों को दोबारा गर्म कपड़े निकालने पड़े. हवा से बचाव के लिए लोग चादर ओढ़कर निकले.
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