रायपुर पुलिस ने लॉकडाउन के दौरान बढ़ी घरेलू हिंसा को रोकने के लिए "चुप्पी तोड़" अभियान शुरू किया है. इस अभियान के तहत पुलिस नियमित रूप से घरेलू हिंसा के पीड़ितों के संपर्क में रहती है ताकि उनकी सुरक्षा और कार्रवाई सुनिश्चित की जा सके. इसके अलावा मामले में दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है. जनवरी और फरवरी के महीने में लगभग 40 शिकायतें दर्ज की गईं थीं जबकि वर्तमान में रायपुर पुलिस को प्रति माह 60 से 65 घरेलू हिंसा के मामले मिल रहे हैं.
यूपी में बढ़ा कोरोना का खौफ फिर सामने आए 100 से अधिक मामले
मीडिया से बात करते हुए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) आरिफ शेख ने बताया, "इस लॉकडाउन अवधि के दौरान कई घरेलू हिंसा के मामले दर्ज किए गए थे जिसके बाद इस मुद्दे को हल करने के लिए हमने 'चुप्पी तोड़' अभियान शुरू किया है. इसके तहत हमने घरेलू हिंसा का मूल्यांकन किया है. पिछले तीन वर्षों में दर्ज किए गए और लगभग 1500 पीड़ितों की पहचान की गई. "
उत्तरप्रदेश के इन इलाकों में बढ़ रहा कोरोना का संक्रमण, रोजाना मिल रहे नए मरीज
अपने बयान में उन्होंने आगे कहा कि "हम बेतरतीब ढंग से पीड़ितों की भलाई सुनिश्चित करने के लिए रोजाना लगभग 50 घरेलू हिंसा पीड़ितों को फोन करते हैं. पिछले चार दिनों में, हमें 150 से अधिक शिकायतें मिली हैं, कुछ शिकायतें पुरुषों द्वारा की गईं हैं लगभग 10-15 पुरुषों ने अपनी पत्नियों के खिलाफ शिकायत की है." रायपुर पुलिस ने घरेलू हिंसा पीड़ितों के लिए 11 प्रश्नों की एक प्रश्नावली तैयार की है जो उन्हें यह सुनिश्चित करने में मदद करती है कि पीड़ित सुरक्षित स्थान पर हैं.
उन्नाव ही नहीं बल्कि इस शहर में भी बढ़ रहा है संक्रमितों का आंकड़ा
कोरोना से बचाव के लिए वाराणसी के कई इलाकों में निकला फ्लैग मार्च
गाज़ियाबाद समेत इस शहर में भी कोरोना का साया, खौफ में जी रहा हर एक इंसान