रायपुर। आमतौर पर लोग शहीदों को नमन करने और उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए कई तरीके अपनाते हैं। इस दौरान वे शहीदों के चित्रों के आगे माल्यार्पण करते हैं तो दूसरी ओर उनके सम्मान में मौन रखते हैं लेकिन छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में एक ऐसी श्रद्धांजलि दी गई है जिसने सभी के सामने एक उदाहरण प्रस्तुत किया है। दरअसल रेलवे स्टेशन के समीप ही नीलकंठ रेस्टोरेंट संचालित होता है। इसके संचालक मनीष दुबे हैं और यहां पर आने वाले सैनिकों से और जो सैनिक शहीद हो जाते हैं उनके परिजन से एक रूपया तक नहीं लिया जाता है।
रेस्टोरेंट में इस मामले में संदेश चस्पा किया गया है। सैनिकों के प्रति यहां पर सम्मान और आदर नज़र आता है। संचालक मनीष दुबे ने इस मामले में मीडिया को बताया कि उनके पिता की इच्छा थी कि वे सेना में जाऐं मगर उनकी जल्दी ही मृत्यु हो गई। उनका यह लक्ष्य पूरा नहीं हो पाया और फिर मैंने यह सोचा कि सैनिकों को ऐसी सुविधा देकर देश की सेवा की जाए।
यहां आने वाले के लिए यहां पर नोटिस चस्पा किया हुआ है। दरअसल यदि कोई सैनिक सीविल यूनिफाॅर्म में पहुंचता है और फिर अपना पहचान पत्र दिखाता है तो फिर उसे 25 प्रतिशत और वर्दी पहनकर आने और पहचान पत्र दिखाने पर सैनिक को 50 प्रतिशत की छूट दी जाती है उनका कहना है कि अब वे अर्द्धसैनिक बलों के जवानों को भी छूट देंगे। शहीद जवानों के परिजन को यहां भोजन करने के लिए कोई शुल्क नहीं देना होता है।
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