हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में राजकुमार एक जाना-माना नाम रहे हैं। राजकुमार को सुपरहिट अभिनेता या सुपरस्टार कहा जाता रहा है। उन्होंने अपने करियर में सभी का दिल जीता है और वह सुपरस्टार बनते गए। राजकुमार ने लगभग 60 फिल्मों में एक से बढ़कर एक रोल अदा किए और इसी के चलते वह आज भी लोगों के दिलों में बसे हुए हैं। राजकुमार का जन्म 8 अक्टूबर 1926 को बलूचिस्तान (पाकिस्तान) में कश्मीरी पंडित परिवार में हुआ था हालाँकि बहुत कम लोग जानते हैं कि उनका असली नाम कुलभूषण पंडित था।
राजकुमार जिस तरह से पर्दे पर अपने डायलॉग बोला करते थे उसने हर किसी को उनका दीवाना बना दिया था। उस दौर में राजकुमार (Rajkumar) की फैन फॉलोइंग बहुत तगड़ी थी, हालांकि जब वह मरे तो उनके अंतिम सफर पर सिर्फ परिवार के चंद लोग ही शामिल रहे। कहा जाता है बेहद गुपचुप तरीके से करोड़ों के सुपरस्टार राजकुमार का अंतिम संस्कार हुआ था। जी दरअसल राजकुमार को गले का कैंसर हो गया था और उन्हें खाने पीने से लेकर सांस लेने तक में काफी तकलीफ होने लगी थी।
ऐसे में उन्होंने अपने परिवार वालों को कहा था कि, 'पहले मुझे जलाना, फिर लोगों को बताना।' वहीँ राजकुमार के परिवार के लोगों ने ऐसा ही किया। राजकुमार ने मरने से पहले ही सबको यह सख्त हिदायत दी थी कि उनके अंतिम संस्कार में फिल्म इंडस्ट्री का या मीडिया से कोई शामिल न हो। जी दरअसल राज कुमार ने एक बार मेहुल कुमार को बताया था कि उनकी अंतिम यात्रा में कोई शामिल नहीं होगा। वो नहीं चाहते कि उनका अंतिम संस्कार एक मजाक बनकर रह जाए। अगर हम काम के बारे में बात करें तो राजकुमार ने पैगाम, वक्त, नीलकमल, पाकीज़ा, मर्यादा, हीर रांझा, सौदागर और तिरंगा जैसी दर्जनों सुपरहिट फिल्मों में काम किया था और उनके डायलॉग्स आज भी लोग भुला नहीं पाए हैं। आज भी राजकुमार को लोग बहुत प्यार देते हैं।
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