मुंबई: देवेंद्र फडणवीस ने बृहस्पतिवार शाम को साउथ मुंबई के ऐतिहासिक आज़ाद मैदान में एक भव्य समारोह में तीसरी बार महाराष्ट्र के सीएम के रूप में शपथ ली। उनके साथ शिवसेना के एकनाथ शिंदे एवं NCP के अजित पवार को उपमुख्यमंत्री (डिप्टी सीएम) पद की शपथ दिलाई गई। यह समारोह महाराष्ट्र की राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ था, क्योंकि यह सरकार की नई दिशा और नेतृत्व को लेकर उम्मीदें और अटकलें उत्पन्न कर रहा था। इस मौके पर मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने देवेंद्र फडणवीस को बधाई दी तथा उन्हें अपनी शुभकामनाएं दीं।
राज ठाकरे ने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा, "मेरे मित्र और महाराष्ट्र में भाजपा के नेता देवेंद्र फडणवीस को तीसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने पर बधाई। वास्तव में, उन्हें यह अवसर 2019 में मिलना चाहिए था, मगर उस समय और बाद में 2022 में जो हुआ, उससे वह अवसर चूक गए। अब, मुझे उम्मीद है कि महाराष्ट्र की जनता ने देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व को जो अभूतपूर्व बहुमत दिया है, उसका वे इस्तेमाल राज्य, मराठी लोगों, मराठी भाषा और संस्कृति के लिए करेंगे।" आगे उन्होंने कहा, "हमारी पार्टी अगले 5 साल तक सरकार की किसी भी अच्छी पहल का समर्थन करेगी, किन्तु यदि हमें लगता है कि सरकार गलतियां कर रही है या लोग उन्हें हल्के में ले रहे हैं, तो भले ही यह विधायिका में संभव न हो, हम सरकार को उनकी गलतियों से बाहर ही अवगत कराएंगे।"
राज ठाकरे ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, अजित पवार और उनके सभी भावी कैबिनेट सहयोगियों को महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना की ओर से शुभकामनाएं दीं। शपथ ग्रहण कार्यक्रम के तुरंत बाद, मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और अजित पवार ने दक्षिण मुंबई स्थित राज्य सचिवालय मंत्रालय में बैठक की। यहां सीएम ने मंत्रिमंडल की पहली बैठक की अध्यक्षता की और एक प्रेस वार्ता में कहा, "हमारी सरकार लोगों के कल्याण के लिए पारदर्शिता के साथ काम करेगी।" विधानसभा में विपक्षी महा विकास आघाड़ी (एमवीए) के सदस्यों की कम संख्या का उल्लेख करते हुए फडणवीस ने कहा, "हम बदले की राजनीति में शामिल नहीं होना चाहते।"
फडणवीस ने प्रदेश में राजनीतिक संस्कृति में आमूलचूल परिवर्तन का आह्वान किया। उन्होंने शपथ ग्रहण समारोह के लिए शरद पवार एवं उद्धव ठाकरे जैसे वरिष्ठ नेताओं को दिए गए निमंत्रण का भी जिक्र किया और कहा, "राजनीतिक संवाद होना चाहिए।" हालांकि, उद्धव ठाकरे और शरद पवार इस कार्यक्रम में सम्मिलित नहीं हुए। राज्य मंत्रिमंडल ने अपनी पहली बैठक में राज्यपाल से सिफारिश की कि नए विधायकों को शपथ दिलाने के लिए विधानसभा सत्र 7 से 9 दिसंबर तक आयोजित किया जाए तथा सत्र के अंतिम दिन विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव कराया जाए। महाराष्ट्र की 288 सदस्यीय विधानसभा के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने 132 सीटों पर जीत हासिल की, तत्पश्चात, देवेंद्र फडणवीस मुख्यमंत्री पद के प्रबल दावेदार बनकर उभरे। महायुति के घटक दलों - भाजपा, शिवसेना और NCP के पास विधानसभा में कुल मिलाकर 230 सीटें हैं।