लखनऊ: उत्तर प्रदेश की 10 राज्यसभा सीटों के लिए मतदान की घड़ी नजदीक आ गई है। सपा अपने तीसरे एवं भाजपा अपने 8वें प्रत्याशी की जीत सुनिश्चित करने के लिए पूरा जोर लगा रही हैं। दोनों ही दलों की नजर जनसत्ता दल लोकतांत्रिक (जेडीएल) के रुख पर टिकी हैं। समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम ने जेडीएल प्रमुख एवं प्रतापगढ़ की कुंडा विधानसभा सीट से MLA राजा भैया से उनके आवास पर मुलाकात की थी। इसके अगले ही दिन उत्तर प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी भी राजा भैया से मिलने पहुंच गए थे।
दूसरी ओर, स्वयं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी एक्टिव मोड में आ गए तथा राजा भैया से मुलाकात कर राज्यसभा एवं लोकसभा, दोनों ही चुनाव के लिए उनका समर्थन मांगा। अब राजा भैया ने साफ किया है कि इस चुनाव में उनकी पार्टी भारतीय जनता पार्टी के साथ जाएगी। उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी के लोग आए थे मगर हमारी पार्टी के वोट भारतीय जनता पार्टी उम्मीदवार के पक्ष में जाएंगे। बताया जाता है कि भारतीय जनता पार्टी नेता हों या समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष, दोनों से ही मुलाकात में राजा भैया ने लोकसभा सीटों की बात की थी। राजा भैया अब तक यह संभावनाएं टटोल रहे थे कि कौन सी पार्टी उनके दल को कितनी लोकसभा सीटें दे सकती है? राजा भैया अपनी पार्टी के लिए प्रतापगढ़ एवं कौशांबी, दो सीटें चाहते हैं। कहा जा रहा था कि समाजवादी पार्टी ने राजा भैया की दो सीटों की डिमांड पर हामी भी भर दी थी। दूसरी ओर, न तो मुख्यमंत्री योगी और ना ही उत्तर प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने इसके लिए उन्हें कोई आश्वासन दिया था।
राजा भैया से मुलाकात के चलते नरेश उत्तम ने समाजवादी पार्टी के साथ उनकी निकटता का जिक्र किया तथा अखिलेश यादव से फोन पर बात भी कराई। समाजवादी पार्टी नेता ने यह भी कहा कि मुलायम सिंह यादव के न होने से बदले हालातों में पार्टी के लिए राजा भैया का साथ कितना आवश्यक है। राजा भैया ने समाजवादी पार्टी नेताओं से यह कहा कि यह पार्टी उनके लिए सिर्फ एक पार्टी नहीं, उससे ऊपर है। फिर राजा भैया के सपा के साथ जाने की अटकलें लगाई जाने लगी थीं मगर वोट बैंक के गुणा-गणित को देखते हुए वह असमंजस में थे। राजा भैया की पार्टी के नेताओं का यह मानना था कि समाजवादी पार्टी के साथ आए तो दो सीटें भी मिल जाएंगी तथा राजनीतिक लाभ भी है। पुराने संबंध भी समाजवादी पार्टी से गठबंधन को नैसर्गिक बना देते हैं। किन्तु खतरा यह है कि राजा भैया का होल्ड मुख्य रूप से राजपूत वोट बैंक पर है।
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