ये सुन कर हैरत तो हो रही होगी कि यार ये क्या हो रहा है, हाथियों के लिए क्या जिम भी होते है. ऐसा कैसे हो सकता है कि ये तो आप भी सोच रहे होंगे. हाल ही में एक ऐसा ही मामला सामने आया है जो की इंडिया का ही है. जी हां यहीं खोली गई है हाथियों के लिए जिम. वो भी उत्तराखंड के राजाजी टाइगर रिजर्व में. यहां पर आपको हाथी बॉल से लेकर टायर रिंग और दूसरी चीजों से खेलते नजर आएंगे. पर क्यों खोली गई ये जिम? ये बड़ा सवाल बना हुआ है.
मिली जानकारी के अनुसार, अभी यहां पर 6 हाथी मौजूद हैं. ऐसा कहा जा रहा है कि ये अपने झुंड से बिछड़ गए हैं या फिर उत्पात मचाने पर फॉरेस्ट डिपार्टमेंट की टीम को इन्हें कैप्चर करना पड़ा है. यहां तक कि इनमें ऐसे हाथी भी मौजूद हैं जो जंगल में अपनी मां से बिछड़ गए थे. सीनियर वेटरनरी डॉक्टर हैं अदिति शर्मा, फिलहाल वो इन हाथियों के हेल्थ चेकअप से लेकर उनको मेडिकल ट्रीटमेंट देती हैं. इस बारें में वो कहती हैं कि कैंप में हाथियों को खाने-पीने की सारी सुविधा तो होती है, लेकिन जंगल जैसा माहौल उन्हें यहां नहीं मिल पाता है. इस जिम में वही माहौल देने की कोशिश की जाती है. जिम्नेजियम में हाथियों को मजबूर नहीं किया जाता है, उन्हें बस प्राकृतिक माहौल दिया जा रहा है. ये एक स्वाभाविक एक्टिविटी है. वो कहती हैं कि इससे हाथियों को मेंटल स्ट्रेस नहीं होगा और वे स्वस्थ रहेंगे.
जानकारी के अनुसार, यहां एक वह बिगड़ैल हाथी भी मौजूद है. साल 2017-18 में हरिद्वार क्षेत्र में उस हाथी ने दो लोगों की जान ले ली थी. तब राजाजी टाइगर रिजर्व के तत्कालीन डायरेक्टर सनातन सोनकर के नेतृत्व में अदिति शर्मा ने ही इस बिगड़ैल हाथी को ट्रैंकुलाइज किया था. इस बारें में वो बताती हैं कि इसे कंट्रोल करना बहुत मुश्किल था, क्योंकि ट्रैंकुलाइजर से डाट लगने के बाद हाथी जंगल में भाग गया. कुछ महीने बाद नवंबर 2018 में यही हाथी एक बार फिर हरिद्वार पहुंचकर उत्पात मचाने लगा, तो फिर दूसरी बार इसको ट्रेंकुलाइज कर काबू किया गया. इस बार इसे जंगल में छोड़ने के बजाए पालतू बना लिया गया और जब से यही रखा गया है .
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