जयपुर: राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार ने हाल ही में विधानसभा से एक बिल पास कराया था. राजस्थान सरकार की तरफ से पारित कराए गए इस बिल में बाल विवाह का पंजीकरण कराए जाने को अनिवार्य किया गया था. राजस्थान के इस बिल पर तभी से विवाद आरंभ हो चुका था, जब सरकार ने इसे पारित कराने के लिए विधानसभा में पेश किया था.
विपक्ष के साथ ही पूरे देश के सामाजिक संगठन इस बिल का विरोध कर रहे थे. अब राजस्थान सरकार ने अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस पर इस विवादित बिल को लेकर अपने कदम वापस पीछे खींचने की घोषणा कर दी है. सीएम अशोक गहलोत ने ऐलान किया कि बाल विवाह रजिस्ट्रेशन बिल को राज्य सरकार वापस ले रही है. सीएम गहलोत ने साथ ही ये भी घोषणा की है कि सरकार इस बिल को सहमति के लिए गवर्नर के पास नहीं भेजेगी. उल्लेखनीय है कि राजस्थान में अनिवार्य विवाह रजिस्ट्रेशन बिल में बाल विवाह का भी पंजीकरण करने का प्रावधान सरकार की तरफ से किया गया था. जिसके कारण ये बिल विवादों में आ गया था.
राजस्थान सरकार ने विधानसभा के पिछले ही सत्र में इस बिल को पारित कराया था, लेकिन विपक्ष के साथ-साथ पूरे देश के सामाजिक संगठन इसकी खिलाफत कर रहे थे. राजस्थान सरकार ने अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस पर विशेष कार्यक्रम में बिल को वापस मंगाने का ऐलान किया है. बाल विवाह का पंजीकरण कराए जाने की अनिवार्यता को लेकर सामाजिक संगठनों ने राजस्थान उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था जहां मामले की सुनवाई चल रही है.
वाईएस जगन रेड्डी का बड़ा बयान, कहा- "'अम्मा वोडी' योजना का मुख्य उद्देश्य बच्चों को..."
ऑस्ट्रेलिया ने 106 दिनों के लॉकडाउन के बाद 'स्वतंत्रता दिवस' का किया एलान
कश्मीर में जिन 'बच्चों' ने बन्दूक उठाकर हत्याएं की, उनकी बात सुने सरकार - कांग्रेस नेता