जयपुर: राजस्थान के बांसवाड़ा जिले से समाज को हैरान कर देने वाली एक खबर सामने आई है. यहां बच्चों को गडरिए के पास गिरवी रख दिया जाता था, जहां वह भेड़ चराने का कार्य करते थे. उनके जुल्मों-सितम से तंग आकर जब बच्चे वहां से भागे तो मामले का खुलासा हुआ. पुलिस ने मामले की जानकारी देते हुए बताया है कि सूचना मिलने पर हमने मामले की जांच कराई.
उन्होंने कहा कि चुंडई में मोहन चारेल का बेटा राजू 3 हजार में एक वर्ष के लिए गडरिए के पास गिरवी रखा गया था. इसको लेकर मध्य प्रदेश में इंदौर चाइल्ड लाइन से बातचीत हुई और वहां पर बच्चे के बारे में पूछताछ की तो उसने खुद को बांसवाड़ा का रहने वाला बताया. उसके पिता को बांसवाड़ा से इंदौर लाया गया और बच्चे को बरामद कर बाल कल्याण समिति के हवाले कर दिया गया. गडरिए तुलसाराम को पाली जिले से हिरासत में लेकर कर यहां पर दलाल के साथ थाने में लाए हैं. उनसे पूछताछ की जा रही है. इस मामले में गडरिए समेत तीन लोगों को हिरासत में लिया गया है.
पीड़ित मासूम कल्पेश ने बताया है कि रुपयों के लिए मुझे एक अंकल के यहां एक वर्ष के लिए भेजा गया था. मैं वहां पर भेड़ चराता था, मजदूरी करता था. मेरे चाचा और पापा दोनों ने अलग-अलग बार मुझे बेचा था. एक लाख 50 हजार में पापा ने बेचा और चाचा ने 50 हजार में फिर बेच डाला. मैं धार जिले के कुक्षी से गड़रिया के चंगुल से तंग आकर भाग निकला. उसके बाद एक होटल के बाहर रो रहा था तो मुझे होटल वाले ने पुलिस के सुपुर्द कर दिया. पुलिस ने चाइल्ड हेल्पलाइन वालों को बुलाकर मेरा पता पूछा और पुलिस मुझे यहां लेकर आई और अब मैं यहीं रहूंगा.
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