आप सभी जानते ही होंगे कुछ चीजें दुनिया में ऐसी भी हैं जो सीमित है और उनका उपयोग कम से कम किया जाना चाहिए. इन्ही में शामिल है पानी. आप जानते ही होंगे दुनिया के एक विशाल हिस्से में पानी ही पानी है लेकिन फिर भी पीने योग्य जो पानी है वह सीमित है. जी हाँ पूरा पानी पीने योग्य नहीं है. इस वजह से कई लोग ऐसे हैं जो पानी को बचा बचाकर रखते हैं. आज कई लोग हैं जो पानी की एक एक बून्द को बचा रहे हैं वहीँ कई लोग ऐसे भी हैं जो इसको व्यर्थ बहा रहे है.
ऐसे में आज हम आपको एक ऐसे गांव के बारे में बताने जा रहे है जहां पर एक-एक बुंद के लिए लोग तरस रहे है. जी हाँ, हम बात कर रहे हैं पाकिस्तान की सरहद से सटे राजस्थान के रेगिस्तानी जिले बाड़मेर की. जी दरअसल, यहां पर अधिक तापमान के कारण पानी की समस्या विकराल रूप धारण कर रही है. आप सभी नहीं जानते होंगे यहाँ अकाल पड़ा हुआ है और इस कारण यहाँ के पारंपरिक कुएं, तालाब, बावड़ियों, बेरियों तथा टांकों का पानी सूख चुका है.
जी दरअसल सबसे बड़ी बात तो यह है कि यहां के इन 13 गांवों-रमजान की गफन, आरबी की गफन, तमाची की गफन, भोजारिया, भीलों का तला, मेघवालों का तला, रेगिस्तानी धोरों के बीच ये गांव बसे हुए हैं और इन गांवों में पहुंचने के लिए कोई रास्ता तक नहीं है. इस वजह से यहाँ रहने वाले लोग अपनी छोटी-छोटी पानी की बेरियों पर ताले लगाकर रखते हैं ताकि कोई पानी गिरा न दे औऱ ना ही पानी निकाल सके. जी दरअसल यहाँ पानी के किल्लत की वजह से गांवों के लोग तड़पते रहते हैं.
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