इस गणेश प्रतिमा को बनाने में लग गए थे 19 साल, काफी प्राचीन है इसका इतिहास

इस गणेश प्रतिमा को बनाने में लग गए थे 19 साल, काफी प्राचीन है इसका इतिहास
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बीकानेर: पूरे देश में भगवान गणेश की छोटी से लेकर बड़ी विशाल मूर्तियां देखने को मिलती हैं। किन्तु राजस्थान के बीकानेर में एक अद्भुत गणपति की मूर्ति है, जिसको बनाने में 19 वर्ष का समय लग गया। इस गणेश मूर्ति की विशेष बात यह भी है कि इस प्रतिमा में भगवान गणेश की माथे पर सूर्य और चंद्रमा विराजमान है।

इस गणेश मूर्ति की एक और विशेष बात इसका निर्माण सफेद आक के पेड़ की जड़ से किया जाना है। माना जाता है कि सफेद आक के पेड़ से बनी देश की एक मात्र प्रतिमा है। बीकानेर के इस गणेश मंदिर में गणेश चतुर्थी पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी पड़ी है। इस मंदिर और इसकी मूर्ति का इतिहास काफी प्राचीन है। यहां सवा सौ वर्ष पूर्व इस मूर्ति को बनवाया गया था। मंदिर के पुजारी ने बताया कि इस मूर्ति के निर्माण में 19 वर्ष लगे थे।

सफ़ेद आक की गणेश प्रतिमा का भी इतिहास 125 वर्ष पुराना है। अंग्रेजों के शासनकाल के दौरान बाबा बालक नाथ नामक संत ने एक अंग्रेजी वन अधिकारी का उपचार किया था। जिसके बाद अंग्रेज अधिकारी ने उन्होंने तोहफे के रूप में आक के पेड़ की लकड़ी की जड़ दी थी। उसी लकड़ी से बाबा बालक नाथ ने प्रतिमा का निर्माण करवाया। बाबा बालक नाथ ने अपने मृत्यु के समय अपने भक्त को यह प्रतिमा सौंप दी। तब से यह पुरोहित परिवार इस प्रतिमा की पूजा कर रहा है। 

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