जयपुर: राजस्थान में हिंदू नववर्ष के अवसर पर करौली में कट्टरपंथी मुस्लिम भीड़ द्वारा हिंदुओं की रैली पर हमले के जख्म अभी सूखे भी नहीं थे कि अलवर में 2 प्राचीन हिंदू मंदिरों को तोड़े जाने से हिन्दू समुदाय की आस्था को फिर से चोट पहुंची है। इसके खिलाफ बुधवार (27 अप्रैल, 2022) को भाजपा और विश्व हिंदू परिषद (VHP) द्वारा ‘आक्रोश रैली’ निकाली गई।
Rajasthan | Several Hindu Mahasangathans hold protest march in view of temple demolition in Rajgarh area of Alwar on April 22 pic.twitter.com/Ho61UJjHIK
— ANI MP/CG/Rajasthan (@ANI_MP_CG_RJ) April 27, 2022
इस आक्रोश रैली में अलवर से भाजपा सांसद बालकनाथ सहित कई साधु-संत शामिल हुए। प्रदर्शनकारियों ने ‘जय श्रीराम’ के नारे लगाते हुए कलेक्ट्रेट की ओर मार्च किया। इस बीच पुलिस ने उन्हें रोकने के लिए बैरिकेड्स लगा दिए। स्थानीय लोगों का आरोप है कि अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई के नाम पर अधिकारियों ने मंदिर में लगी प्रतिमाओं को हटाने तक का समय नहीं दिया। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, मौके पर देवी-देवताओं की प्रतिमाओं के टुकड़े चारों तरफ पड़े हुए थे। सांसद बालकनाथ ने गहलोत सरकार पर तुष्टिकरण का इल्जाम लगाते हुए कहा कि हम राजस्थान सरकार को तुष्टीकरण की सियासत करने से रोकने के लिए यह मार्च निकाल रहे हैं। हमारे ज्ञापन में हमने संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई, ध्वस्त किए गए मंदिर निर्माण की माँग की है।
इसके साथ ही भाजपा नेता ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से भी इस्तीफे की माँग की है। बता दें कि बीते दिनों राजगढ़ में अलवर जिला प्रशासन द्वारा अतिक्रमण हटाने का अभियान चलाया गया था, जिसमें प्रशासन ने 300 वर्ष प्राचीन शिव मंदिर को अवैध ठहराते हुए उसे ढहा दिया था। इस मामले में राजगढ़ अनुमंडल दंडाधिकारी (SDM) केशव कुमार मीणा, राजगढ़ नगर पालिका बोर्ड के प्रमुख सतीश दुहरिया और स्थानीय नगरपालिका के अधिशासी अधिकारी (EO) बनवारी लाल मीणा को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया था।
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