जयपुर: राजस्थान के अलवर जिले में सराय मोहल्ला स्थित 300 वर्ष प्राचीन शिव मंदिर को बुलडोजर से ध्वस्त कर दिया गया. शिवालय पर जूते पहनकर चढ़ने और प्रतिमाओं पर कटर मशीन चलाने से हिंदूवादी संगठनों में आक्रोश हैं. इसके विरोध में नगर पालिका के EO, SDM और राजगढ़ MLA के खिलाफ थाने में केस दर्ज करवाने के लिए शिकायत दी गई है. हालांकि, राजनितिक रसूख के कारण पुलिस ने अभी तक केस दर्ज नहीं किया है.
इसको लेकर भाजपा भी कांग्रेस की गहलोत सरकार पर हमलावर है. भाजपा IT सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने कहा है कि हिंदुओं की आस्था को ठेस पहुंचाना ही कांग्रेस का सेक्युलरिज्म है. मालवीय ने ट्वीट करते हुए लिखा कि, 'राजस्थान के अलवर में विकास के नाम पर तोड़ा गया 300 साल पुराना शिव मंदिर… करौली और जहांगीरपुरी पर आंसू बहाना और हिंदुओं की आस्था को ठेस पहुंचाना- यही है कांग्रेस का सेक्युलरिज्म.' एक अन्य ट्वीट में अमित मालवीय ने कहा कि, '18 अप्रैल को राजस्थान के राजगढ़ कस्बे में बिना नोटिस प्रशासन ने 85 हिंदुओं के पक्के मकानों और दुकानों पर बुलडोजर चला दिया.'
वहीं, राजस्थान के मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने आरोप लगाते हुए कहा है कि भाजपा झूठ बोल रही है. राजगढ़ नगरीय निकाय बोर्ड का अध्यक्ष भाजपा का है. उन्हीं ने बोर्ड में प्रस्ताव लाकर चौड़ीकरण के लिए मंदिरों और घरों को ध्वस्त किया है. उन्हीं के इशारे पर मंदिर को तोड़ा गया है. जबकि हमारा यानी कांग्रेस का MLA विरोध करते रह गया. गहलोत सरकार के मंत्री ने वादा किया है कि यदि कोई कानूनी अड़चन नहीं आई तो मंदिर का निर्माण दोबारा करवाएंगे.
क्या है मामला:-
दरअसल, अलवर के राजगढ़ में तीन हिंदू मंदिरों को गिराने का मामला प्रकाश में आया है. मास्टर प्लान में अतिक्रमण की आड़ में राजगढ़ प्रशासन ने 300 वर्ष प्राचीन तीन मंदिरों को ध्वस्त कर दिया. इन मंदिरों में लगी भगवान शिव, हनुमान जी सहित अन्य देवी-देवताओं की प्रतिमाएं तोड़ दी गईं. स्थानीय लोगों ने जब इसका विरोध किया तो पुलिस ने बलपूर्वक उन्हें हटा दिया. यह घटना पूरे इलाके में चर्चा का विषय बनी हुई है. बता दें कि 17 अप्रैल से इस तरह के मामले राजगढ़ में निरंतर सामने आ रहे हैं.
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