जयपुर :राजस्थान विधानसभा चुनाव 2018 के लिए आज मतदान किया जा रहा है, राजस्थान का यह चुनाव कई मायनों में काफी महत्वपूर्ण है. इस बार के चुनाव में सत्ताधारी पार्टी भाजपा और विपक्षी पार्टी कांग्रेस दोनों ही जीत दर्ज करने के लिए हर दांव लगा दी है. इस चुनाव में जाति आधारित समीकरणों का भी पूरा ध्यान रखा गया है, यही कारण है कि कांग्रेस और भाजपा दोनों ने कम से कम 60 सीटों पर एक ही समुदाय के प्रत्याशियों को मैदान में उतारा है.
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इसका मतलब है कि कांग्रेस जीते या भाजपा विधायक एक ही समुदाय का होगा. इनमें जाट, राजपूत और मीना जैसे राजनीतिक प्रभावशाली समुदाय के लोग शामिल है. देश के चुनावी इतिहास में यह माना जाता है, कि यदि किसी समुदाय के पास 10 फीसद या उससे अधिक वोट हैं, तो यह किसी भी पार्टी को सत्ता हासिल करने में मदद कर सकता है और साथ ही किसी राजनीतिक दल के पतन की वजह भी हो सकता है.
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उल्लेखनीय है कि राज्य में लगभग 272 जातियां हैं, जिनमें 51 फीसदी लोग अन्य पिछड़ा समुदाय (ओबीसी) से संबंधित हैं. जाट 9 प्रतिशत, गुज्जर 5 प्रतिशत, माली 4 प्रतिशत, अनुसूचित जाति में 18 प्रतिशत लोग हैं. उप-जातियों जैसे मेघावत 6 प्रतिशत, बैरवा 3 प्रतिशत, भील 4 प्रतिशत और अन्य 18 प्रतिशत हैं. ब्राह्मण 7 प्रतिशत, राजपूत 6 प्रतिशत और वैश्य समुदाय के 4 फीसदी लोग हैं. आपको बता दें कि राजस्थान की राजनीति में जाट, मीना, राजपूत और ब्राह्मणों को बहुत अहम् माना जाता है.
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