उदयपुर: राजस्थान विधान सभा चुनाव में बांसवाड़ा सीट को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की मुश्किल थमने का नाम नहीं ले रही हैं. पार्टी को उम्मीद थी पंचायती राज विभाग के राज्यमंत्री धनसिंह रावत अंतिम समय तक उम्मीदवारी से नाम वापस ले लेंगे, लेकिन नाम वापसी के आधा घंटा पहले रावत ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया, जिससे बीजेपी महकमे में खलबली मच गई. राज्यमंत्री धनसिंह रावत ने प्रदेश अध्यक्ष को पत्र लिखा जिसमे उन्होंने कहा कि वे निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ेंगे, अत: उनका इस्तीफा स्वीकार किया जाए.
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उल्लेखनीय है कि पार्टी ने रावत का पत्ता काटते हुए नए चेहरे के रूप में हकरू मईड़ा को टिकट दिया था. पार्टी के इस निर्णय से खफा रावत के समर्थन में पार्टी के 400 पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं ने अपने-अपने पदों से त्यागपत्र दे दिया. जिनमें इस विधानसभा क्षेत्र के चार ब्लॉक अध्यक्ष भी शामिल थे. इस पूरी कवायद के बाद रावत ने बतौर निर्दलीय और पार्टी प्रत्याशी के तौर पर पर्चा दाखिल कर दिया था, जांच के बाद रावत का भाजपा प्रत्याशी के तौर पर भरा गया नामांकन पत्र रद्द कर दिया गया था.
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पार्टी से बगावत के बाद से ही रावत को समझाने के लिए पार्टी के विभिन्न नेताओं ने कोशिशें की थी. सीएमओ से भी रावत को फोन आए लेकिन उन्होंने अंतिम समय में निर्णय लेने की बात कही थी. भाजपा की ओर से पूर्व मंत्री दली चंद द्वारा नाम वापस लेने के बाद ऐसी उम्मीद थी कि रावत भी नाम वापस ले लेंगे लेकिन नाम वापसी के समय से आधा घंटा पहले रावत पार्टी से इस्तीफा देकर निर्दलीय मैदान में उतरने का ऐलान कर सबको चौंका दिया.
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